कल्ह ऑस्टिन के बरसानेधाम गए । कृपालु महाराज के इस आश्रम में होली मिलन का आयोजन किया गया था । राधाकृष्ण की भव्य मूर्तियों को खूब सजाया गया था । कलाकारों द्वारा ब्रज-होली गीतों पर सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया । राधाकृष्ण के विभिन्न होली गीत एक वरिष्ठ साधिका द्वारा आगे आगे और दर्शकों द्वारा पीछे पीछे गाए गए । उन गीतों पर श्रोताओं द्वारा खूब नृत्य किए गए । एक साधक द्वारा होली मनाने के उद्देश्य और पृष्ठभूमि पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला गया । बाद में खुले में होली खेला गया । भारत में बरसाने/ वृन्दावन की होली खेलने/ देखने का सौभाग्य तो नहीं प्राप्त हुआ है लेकिन अमेरिका के इस होली में ब्रजकी होली का साक्षात् दर्शन हुआ । होली के बाद विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लुफ्त उठाया गया । अहा! आनंद!आनंद!
होली रंग मे रंगल जगत
स्वागत वसंत मे लागल सब छथि ।
भेद-भाव सब क्यो बिसरल
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