Friday, May 11, 2018

दुःख



दुःख पर जँ
ध्यान देल जाय त’
पबै छी जे ई वास्तव मे
भौतिक, शैक्षणिक, आत्मिक
सब प्रकारक
उन्नतिक टेस्ट थिक I
जतेक व्यक्ति विश्व मे
नाम कमेलाह सब के
कठोरतम दुःख स’
गुजर’ पड़लनि आ
तखने ओ महानतम
बनि सकलाह I

राम, कृष्ण, बुद्ध, शंकराचार्य,
विवेकानंद...आदि जखन
दुखाग्नि मे तपलाह
तखनहिं असली
सोनाक रूप मे चमकलाह I
“ औरों का दुःख देखा तो
मैं अपना दुःख भूल गया I “
रामक चौदह वर्षक वनवास
हुनका पुरुषोत्तम बनेलक,
कृष्ण के त’ जन्मे
कारागार मे भेल छलनि,
बच्चे स’ तते
आफत-विपत अयलनि जे
हुनका ऑल राउंडर बना देलकनि
आ हुनका साक्षात् भगवान
मानल गेलनि-
‘ कृष्णस्तु भगवान् स्वयं ‘ I
भगवान बुद्ध
सबटा राजसी सुख त्यागलाह,
तैं दशावतार मे नवम्
अवतार बनलाह I
तही तरहें शंकराचार्य
आदिगुरू कहेलाह आ
विवेकानंद शिकागो धर्मसम्मेलन मे
एक गुलाम देश के विश्वगुरुक
पद पर प्रतिष्टित
क’ सकलाह I    

रे मन !
हुनका सबहक कष्ट के आगू त’
तोहर कष्ट किछु नै छौ,
तखन कियैक एते अधीर छैं,
धैर्य धर,
एक दिन बेरा
पार लगबे करतौ !!
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Thursday, May 3, 2018

कलियुगक उपकार हत्या बरोबरि



हमर पड़ोसी छथि
सुधाकर चौधरीजी,
बहुत सुहृदय,
बहुत परोपकारी,
ककरो कष्ट ओ
देखि नै सकै छथि,
तही दुआरे ओ
अनका उपकार करक खातिर
कतेको बेर कष्ट भोगलाह अछि I

एक बेरक बात अछि,
एकदिन अशोक राजपथ मे ओ
बाँसघाट स’ दीघा
जा रहल छलाह I
आगू मे देखै छथि जे
एकटा कार
बहुत तेजी स’
ओभरटेक केलक आ
आगाँ मे जा रहल
एकटा बाइक के खूब जोड़ स’
धक्का द’ पड़ा गेल I
बाइक के सबार
रस्ते पर खसि पडल,
सोनिते-सोनितामे !
जोड़-जोड़ स’
कुहरि रहल छल I
कोमल हृदय सुधाजी स’ नै
देखल गेलनि,
बगले मे कार रोकि
ओकरा उठा क’
अस्पताल पहुँचाबक
उद्देश्य स’
अपना कार मे
चढ़ाबक प्रयास कर’ लगलाह I
ताबते मे चारि-पाँच टा
लखेड़ा पाछुए स’ आबि
सुधाजी के लाठी-डंटा स’
तड़तड़ा दै छन्हि,
कतबो सफाइ देलखिन्ह
नै सुनलकन्हि,
कपारो फोडि देलकैन I

कुहड़ैत कहुना क’ उठलाह आ
उदास-मोन कार स्टार्ट क’ क’
विदा भेलाह,
कान पकड़ैत छथि जे
फेर आब ककरो
मदति नै करब I

एकरे कहै छै-
‘ कलियुगक उपकार ह्त्या बरोबरि ‘ !
चौधरीजी !
अहाँ निरास जुनि होइ,
अपनेक सबटा लेखा-जोखा
तेसर शक्ति क’ रहल अछि,
एकर प्रत्युपकार जरूर भेटत,
अहीं सब सन लोक पर
ई दुनिया टिकल अछि !!
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