Monday, April 29, 2024

शान्त राखल करू चित ।

शांत राखल करू चित, निर्णय ने धड़फड़ मे करू । जोड़ सँ चिचियाउ नहिं, किछुओ ने हड़बड़ मे करू ।। किछुओ ने हड़बड़ मे करू, हल्ला सतत काजे बिगाड़त । धरू चुप्पी काज सम्हरत, स्वास्थ्य के से'हो सुधारत ।। दुख अहींके पड़त भोग', चित्त जँ नै शांत राखल । सुख सेहो भेटत अहीं के, चित्त के जँ शांत राखल ।। ***********************

Saturday, April 20, 2024

प्रारब्ध

होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु,
ईशके छन्हि पता सबटा बात से ।
तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ,
करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।।

करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि,
मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर ।
मुदित सदिखन रही अपना हालपर,
यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।।
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होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु, ईशके छन्हि पता सबटा बात से । तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ, करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।। करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि, मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर । मुदित सदिखन रही अपना हालपर, यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।। ------------- -------- -------- --------- ------