Tuesday, April 30, 2019

गामक संस्मरण :- 1.


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गाम अबैत देरी मोन उत्फुल्ल भ’ उठैछ I बाल्यकालक संस्मरण मोन के जीवन्त क’ दैछ I दरबज्जा परहक बाबा पोखरि मे आ चौपारि परहक खबासक पोखरि मे घंटों हेलबाक आनंद एखनहुँ मोन मे ओहिना रचल-बसल अछि I दुनू पोखरि आ ककरियाहीक खत्ता मे जखन उजाहि उठैत छलैक तँ सगर गामक आबालवृद्ध माछ मारक लेल धमगज्जर केने रहैत छलाह I जूरसितलक सुअवसर पर ख़बासक पोखरि मे दुनू टोलक लोक पैसि एक-दोसरा पर जल फेकि जावत्काल तक हरदा नै बजबा लैत छलाह तावत्काल तक जान नहिं छोड़ैत छलाह I फेर जल सँ निकलि दुनू टोलक युवा लोकनिक बीच कुस्ती-कुस्ती होइत छल I बच्चा सबहक लेल ई अत्यधिक रोमांचक होइत छल I असली प्रतियोगिता जेकाँ बुझाइत छल I जल-प्रतियोगिता मे आँखि लाल-लाल भ’ जाइत छल I
कलम-गाछीक टाइल-पुल्ली, कबडी-कबडी, बुढ़िया-कबडी, चुनौती-कबडीक आनन्द वर्णनातीत अछि I पठशल्लाक फिल्ड मे साँझखनक गेंदक खेल नामी छल I बेसीकाल इलाका भरिक गामक फुटबॉल टीम टुर्नामेंट मे भाग लैत छल I ताहि समयक रोमान्च एखनो रोमांचित करैछ I नबाहक नौ दिनक रामधुन मे सम्पूर्ण गाम राममय रहैत छल I ब्रह्म आ डिहबार पूजाक अवसर पर सम्पूर्ण गाम आह्लादित रहैत छल I दुर्गापूजा तँ हमरा सबके अति विशेष उत्साह दैत छल I दसो दिन-राति हमसब पठशल्ले पर बितबैत छलहुँ I पूजाक आनंदक संग-संग गुरुजीक अमृतोपम सान्निध्य पाबि कृत-कृत्य रहैत छलहुँ I --------- kkjha  

Wednesday, April 24, 2019

हैप्पीनेस


2012 मे संयुक्त राष्ट्र जेनरल एसेम्ब्ली द्वारा 20 मार्च के वर्ल्ड हैप्पीनेस डे घोषित कएल गेल I कुल 156 देशक प्रसन्नताक सूची मे भारत ऐ साल, 2018 ई० के 133म स्थान सँ सात स्थान नीचाँ लुढ़कि क’ 140म स्थान पर पहुँचि गेल I फ़िनलैंड पोरकों साल प्रथम छल आ अहू बेर प्रथम आयल I हमर पड़ोसी देश मे पाकिस्तान 67म, चीन 93म, बंगलादेश 125म पर अछि I संयुक्त राज्य अमेरिका 19म स्थान पर अछि I
अप्रसन्न रहबाक कारणक तह मे जायब तँ पायब जे एकर मुख्य कारण नकारात्मक भावक वृद्धि थिक I चिन्ता, उदासी, क्रोध, कलह, असंतोष, एक दोसर सँ घृणा, परनिन्दा, चुगलखोरी आ आपसी वैमनस्य, कंजूसी,..... आदि एकर मुख्य कारण बुझाइछ I
आब सोचल जाय जे आर्थिक रूप सँ भले हम उन्नति क’ रहल छी मुदा प्रसन्नता घटि रहल अछि I जनसंख्या वृद्धि सेहो प्रसन्नता घटबाक मुख्य कारण बुझाइछ I कंजूसी तँ हमरा सबहक रक्ते मे बसल अछि I धन रहितो हम सब जमा कर’ मे लागल रहैत छी I चिकित्सा, शिक्षा, नीक रहन-सहन, नीक खान-पान पर खर्च केनाइ हम सब अपव्यय बुझैत छी I 
गाम-घरक हाल तँ आर खराप अछि, लाखो रुपैया बैंक मे, संदूक मे राखल रहैछ मुदा इलाजक अभाव मे व्यक्ति काल-कवलित भ’ जाइछ I बाप के करोड़ों रुपैया रहितो मेधावी छात्र सब अध्ययन छोड़ि नोकरी वा खेती करक लेल बाध्य भ’ जाइछ I कपड़ा-लत्ता, खान-पान पर खर्च नै क’ जमीन कीनब लोकक प्राथमिकता रहैछ I श्राद्ध-भोज पर खूब खर्च करत मुदा बेमारक चिकत्सा पर खर्च करब अपव्यय बुझाइछ I आब किछु दिन सँ मकान बनाबक प्रचलन बढल अछि नै त’ पहिले लोक पाइ रहितो फूसे-फास मे रहब पसंद करै छल I
फ़िनलैंडक एक नम्बर पर अयबाक जखन ख़ोज कर' लगलहुँ त' एकटा विलक्षण बात देख' मे आयल I ओइठामक लोक सब मौन बेसी रहैछ, बिना जरूरति के बात नै करैछ I ट्रेन, बस, हाट-बजार सबतरि शान्ति पायब I ओकर विपरीत अपना ओइठाम उक्त सबठाम अनघोल पायब I चौक-चौराहा, चाह-पानक दोकान सब पर अनावश्यक हल्ला-गुल्ला पायब, बात बात पर लोक सबके अरारि करैत पायब I
आब एक बात ध्यातव्य अछि जे हमर मूलधन चोराक'/अपनाक' आनदेश प्रसन्न रहैछ, हम सब ओकरा सबहक अनुकरण क' क' ओकर दुर्गुण (अशांति, कलह, असभ्यता आदि) प्राप्त क' लेलहुँ आ फलस्वरूप बहुत दुखी रह' लगलहुँ I