Thursday, December 19, 2019

जागल भारत

बहुत दिवस पर जागल भारत
जगद्गुरू बनि जायत आब ।
चैन गेलै जीयब आफत छै
देशक दुश्मन सबके आब ।।

सब मिलिक' बफारि तोड़ै छै,
बाट ने कोनो सूझै आब ।
दूध-माछ दूनू बाँतर छै
देशक दुश्मन सबके आब ।।

सोचनहुँ नै छल देख' पड़तै
एहनो दिन जिनगी मे आब ।
सूझि ने रहलै को'नो रस्ता
देशक दुश्मन सबके आब ।।

जही थाल मे खायत, छेदो-
करत ततहिं, नै चलतै आब ।
कोनाक' बिततै बाँकी जिनगी,
देशक दुश्मन सबके आब ।।

अपने घर मे लगा पसाही
कोना चैन सँ सूतत आब ।
औनैनी कछमच्छी लगलै,
देशक दुश्मन सबके आब ।।

काजू-किसमिस नै पूछै छल,
फुटहे फाँक' पड़तै आब ।
मरुआ-अँकटा-मिसिया आफत,
देशक दुश्मन सबके आब ।।
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Wednesday, December 18, 2019

नाम कुलक जैसँ बढ़ए

नाम कुलक जैसँ बढ़ए,
करी नित्य से काज ।
तेहन काज नहिएँ करी,
जैसँ लागय लाज ।।
जैसँ लागय लाज,
लोभ अपमान कराबय ।
सत्य स्नेह आ त्याग,
सतत सनमान बढ़ाबय ।।
मनन करू सब शास्त्र के,
बनू अतुल विद्वान ।
माथ ऊँच हो देश के,
करू विश्व मे नाम ।।

बुढापा

कथूके सुधि-बुधि रहय नहिं
सतत रासे-रंग डूबल ।
मात्र अपने लेल जीलहुँ
त्याग के किछुओ ने बूझल ।।
सोचल ने पर लेल कहियो
स्वार्थ मे पागल छलहुँ ।
क्यो अचानक द्वार पिटलक
निन्न सँ जागल छलहुँ ।।
फोलल त' देखबा मे आयल
वृद्ध एकटा ठाढ़ सन्मुख ।
" के थिकौं, अछि की प्रयोजन"?
-भेलहुँ ओइ बूढ़ा सँ उन्मुख ।।
आयल ओइ बूढाक उत्तर-
"कुदब-फानब के तजू ।
हम अहाँ केर बुढापा छी
चैन सँ सूतल करू ।।
करू स्वागत आब हम्मर
तुरत अन्दर बजा लीय' ।
अहाँ लेल विश्राम समुचित
दे'ह मे स्थान दीय' ।।"
कहलियनि-" नै आउ भीतर,
आब नै हम रहब सूतल ।
एखन तक बेसुध छलहुँ, नहिं-
नीन्द मे हम रहब डूबल ।।
छलहुँ माया मे फँसल हम,
आब तँ जगबाक अछि ।
जिलहुँ अपने लेल, किछुओ-
दोसर लेल करबाक अछि ।।
आइ दिन सँ कान पकड़ी
झूठ हम कहियो ने बाँचब ।
स्नेह सबसँ करब सबदिन
सतत सबहक दुःख बाँटब ।।"
बुढापा बाजैछ-
" चिन्ता कथू के तों जुनि कर' ।
जँ एहन छह सोच तँ-
तों, चैन सँ एत्तहि रह' ।।
आन लोकक लेल जावत-
काल तक एत्त तों रहब' ।
उम्र कतबो भ' जेतह, तैयो
ने कहियो बूढ़ बनब' ।।
खूब जीबह परहितक लेल,
स्वस्थ आ आनंद रहबह ।
नित्य अनके लेल जीबह,
सतत परमानंद रहबह ।।"
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याचना

याचना नहिं उचित, ईष्टक-
ध्यान सबटा ताप मेटय ।
बिना मँगने भेटय मोती,
माँगने भीखो ने भेटय ।।
माँगने भीखो ने भेटय,
धैर्य ध' सत पथ चली ।
ईष्ट पर सब भार द' क'
काल गति देखल करी ।।
जे देलनि मुख आर दू कर
पूरता सब कामना ।
ईष्ट पर बिसबास क' क'
उचित नहिं थिक याचना ।।

Tuesday, December 10, 2019

ख़ालिए ऐठाम अएलहुँ

अएलहुँ खाली जैब खाली,
कथी लेल निशदिन मरै छी?
देखि पर अट्टालिका के
व्यर्थ मे सदिखन जरै छी ।।
व्यर्थ मे सदिखन जरै छी,
शीघ्र बाँटू सकल अरजन ।
गमन पूर्वहिं रिक्ति उत्तम,
मानसिक भौतिक सकल धन ।।
कएल पर उपकार किछुओ,
जन्म सार्थक तखन कएलहुँ ।
बिलहि मोटरी करू खाली,
ख़ालिए ऐठाम अएलहुँ ।।
*****10.12.2019*****

Thursday, November 21, 2019

कुजरनी


घर मे
कोनो तरकारी नहिं अछि,
आबि रहल छथि
जमाय-समधि,
भरमा बचाब’बाली
पहुँचि गेली I  

घूमि रहलि छथि
गामे-गाम
बाटे-घाटे
दरबज्जे-दरबज्जे
अंगने-अंगने,
माथ पर पथिया
कोर मे चिलका,
हरियर-हरियर तरकारी
ताजा-ताजा फल
अल्लू-पियाउज..
सब किछु I

कीनि लै छथि,
थोक मे
दू-चारि पथिया भरि
हात-बजार जाक’,
अगिला हाट तक के
वैह छथि आसरा I

कोनो भय नहिं
रौद-बरखाक
अन्हर-बिहाड़िक
कुकुर-बानरक...
गुंडा-मबालीक...!

निर्भीक
घूमि रहलि,
सब मर्द जीरो छथि
हुनकर निर्भीकताक आगू,

ग्रैंड सैल्यूट!!
हुनका श्रम के,
हुनका निर्भीकता के!!!
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बाल्यकाल

हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर,
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर ।।
नै रौद-बसातक भय कनियो,
बरखा-अछार-फानल-कूदल,
तितली पकड़क लेल दौड़-धूप,
दोस्तक सङ् मे हुड़दंग मचल ।
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर,
हे बाल्यकाल..........।।
तुरतहिं झगड़ा आ प्रेम तुरत,
नै मोन मे कोनो बात टिकल,
किछुओ चिन्ता ने फिकिर कथुक,
मित्रक झुंडे छल स्वर्ग जकर ।
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर,
हे.......।।
कबडी-कबडी आ टाइल-पुली,
लुक्का-छिप्पी गोटरस-गोटरस,
पोखरि-झाँखुर सौँसे रपटल,
गुड्डी-बाजी मे सतत रमल ।
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर,
हे..........।।
ने बैर-द्वेष के नामो छल,
ने जाति-धर्म के भानो छल,
ने नीक-बेजायक ज्ञानो छल,
सब दोस्ते जग मे सगरो छल ।
हे बाल्यकाल ! घुरि आउ हमर,
हे.............।।
खिस्सा नानी-नानाक सूनि,
सपना के राजकुमार बनल,
मायक कोरा स्वर्गोपरि छल,
ओकरे सँ रूसब-बौंसब छल ।
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर,
हे...............।।
लूडो-लूडो कैरम-गोटी,
गेंदक पाछू बेहाल रहल,
कागत के नौका मे डूबल,
खएबा-पीबा के सुधि बिसरल ।
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर,
हे.........।।
बाड़िक-केरा-बड़हर-लताम,
खीरा नेबो पर सब लुधकल,
कतबो बाबी-काकी बाजलि,
सब आइन बिसरि कए टूटि पड़ल ।
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर,
हे बाल्यकाल! घुरि आउ हमर !!!
*****कमलजी, 21.11.19*****

Monday, November 18, 2019

मल्हू




आइर-धूर पर बाधे-बोने
सगरो ओ छिछिआय रहल I
धीया-पूता बाट-बटोही
सब-क्यो छै ढेपियाय रहल II

मैल-कुचैल झुलंग गंजी पर
कुरता सौंसे छै फाटल I
धोती द’ढ़ कतहु नै लागय,
सौंसे छै चेफड़ी लागल II

चिड़इ-चुनमुनिक खोंता सनके
केस ओकर छै लागि रहल I
कारी कम्मल चेथड़ी-चेथड़ी,
कुकुरक ड’रे भागि रहल II

‘मल्हू’ नाम एकर क्यो कहलक,
बूझि पड़य साफे पागल I
लोक कहय ई सिद्ध, कतेको-
एकरा सेवा मे लागल II

क्यो कहलक बहुतो संतति-सुख,
एकरा आशीषें पौलक I
न’बे कुर्ता-धोती-तौनी-
डोपटा एकरा पहिरौलक I

चीर-चारिक’ सबटा कपड़ा,
ईंटा-पाथर फोड़ि रहल I
फे’रो औघर रूप बनाक’
सौंसे अछि ई दौड़ि रहल II
******19.11.19******


Saturday, October 26, 2019

दीपोत्सव 27.10.19


लेस लीय' दीप
सब अपना हृदय मे,
पड़ायत अज्ञान-तम
दिव्-ज्ञान जागत ।
भरि चुकल कीड़ा-
मकोड़ा लोभ-मोहक,
होइत देरी ज्योति
सबटा दूर भागत ।।
साफ अंदर-बाहरो
बाढ़नि चलाक',
वृद्धि प्रेमक, द्वेष-
घृणा के भगाक'
स्वयं जरिक' करू
दुनियाँ के प्रकाशित,
परहितक हो भाव
स्वार्थकता मेटाक' ।।
करू लक्ष्मी-गणेशक-
वाणीक पूजन,
वृद्धि-धन, निर्विघ्न-जिनगी,
ज्ञान-बाढ़त ।
शान्ति सुख समृद्धि
खुशहालीक जीवन,
दिव्य आलोकित हृदय,
अज्ञान जारत।। 
प्रदूषित नै करू
पर्यावरण कथमपि,
फटक्का के त्यागि,
घृत-तेले जराबी I
अगरबत्ती आ कपूरक-
सुरभि सबतरि,
हरित हो दीपावली
बारुद के त्यागी II

प्रसादी मिष्टान्न-फल-
लड्डू चढ़ायब,
खूब बाँटू, स्वयं
सब भोगो लगायब I
होयत वाणी मिट्ठ तँ
संसार भरि मे,
स्नेह-मैत्रीभाव के
सगरो बढ़ायब II
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Saturday, October 12, 2019

हमर कल्पनाक दुनियाँ



हमर अछि सपनाक दुनियाँ महा अद्भुत,
स्नेहमय वातावरण अछि शान्त सगरो I
प्रेम आ सौहार्द्र अछि सबहक हृदय मे,
दुख दरिद्रा करय ने आक्रान्त ककरो II

क्यो ने सपनहुँ मे सोचय अपकार अनकर,
भरल अछि उर मे करब उपकार सबहक I
सब सुखी हो सब नीरुज, अछि कामना ई,
सब सुरक्षित हो अशिक्षा मेटय सबहक II

नारि-नर सब महाज्ञानी हो जगत मे,
धर्मरत पुण्यातमा हो सब गुणग I
क्यो ने कपटी धूर्त भेटय जगत भरि मे,
अहंकारक लेश नहीं सब हो कृतग II

भरल हो औदार्य स्त्री-पुरुष सब मे,
मन वचन कर्में पतिव्रत धर्म नारिक I
सकल नर मे पराक्रम सब शूरमा हो,
पुरुष सबटा व्रती होमथि एक नारिक II

महा दुधगरि धेनु दुग्धक बहय सरिता,
सर सरित नलकूप सब हो भरल जल सँ I
वृक्ष सबटा बोन मे फल सँ लदल हो,
खेत सगरो लहलहाइत हो फसल सँ II
****कमलजी****12.10.19*****

Friday, October 11, 2019

वाणी वन्दना



ज्ञानदे माँ हंसवाहिनि
बुद्धि निर्मल दे I बुद्धि निर्मल दे II

विद्या बल विवेक अम्बे दे,
स्वाभिमान भर दे I स्वाभिमान भर दे II

सत्य स्नेह त्याग भर दे माँ,
महा पराक्रम दे I महा पराक्रम दे II

शील विनय साहस संयम दे,
लोभ मोह हर ले I लोभ मोह हर ले II

भूल से भी माँ न हमसे,
किसी का अपकार होबे,
धर्म के पथ पर चलें हम,
चित्त पावन दे II चित्त पावन दे II
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Saturday, September 21, 2019

तही घर के उच्च बूझी


बूझी नहिं अति उच्च घर से,
वस्त्र लोकक जतय चम-चम I
ऊँच हो अट्टालिका अति,
देह इत्रें भले गम-गम II
देह इत्रें भले गम-गम,
आन्तरिक संस्कृति निहारी I
अतिथि के स्वागत जतय,
लखि भद्रता लोकक विचारी II
जाहि घर मे बुजुर्गक-
आनन सतत मुस्कान देखी I
स्वर्ग सम अति उच्च से घर,
तही घर के उच्च बूझी II
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Monday, September 9, 2019

अर्धनारीश्वर


अर्धनारीश्वर                                         
                  पछिला बेर गाम सँँ घुरैत काल डोकहर भगवती स्थान गेल रही. ई स्थान हमर वाल्यकालहि स’ उपासना’क स्थल रहल अछि. यादो नहि अछि जे पहिल बेर कहिया गेल हैब. संभवतः मायक कोरे मे पहिल बेर गेल होयब. अहि इलाकाक महिला सब कोर के बच्चो के भगवती’क आशीर्वाद प्राप्त करवाक निमित्त ल’ जाइत छथि. अर्धनारीश्वर रूप पर बहुत तरहक विचार चिंतन मे आबय लागल.
                        पुरुष आ स्त्री दूनू मे पुरुष अंश आ स्त्री अंश होइछ. पुरुष अंश बेसी रहला स’ बल, पराक्रम, शारीरिक उद्यमशीलता... इत्यादिक आधिक्य परिलक्षित होइछ. मातृ अंशक अधिकता स’ कोमलता, प्रेम, दयालुता, सलज्जता आदिक आधिक्य होइछ. ताही कारणे कोनो पुरुष स्त्रैण आ कोनो महिला पुरुखाहि होइछ. अधिकांश पुरुष आ स्त्री मे लिंगक अनुसारे क्रमशः पुरुष आ स्त्री अंशक आधिक्य होइछ. दूनू अंश शून्य भेला संताँ संभवतः नपुंसक उत्पन्न होइत हेतैक.
मुदा जँ दूनू अंश एके व्यक्ति मे उच्चतम स्तर के भ’ जाइक त’ की हेतैक ? निश्चित रूप स’ ओ अद्वितीय होयत आ ताही कारणे अवतारी पुरुष मे दूनू अंश उच्चतम पाओल जाइछ. राम, कृष्ण, रमण महर्षि, रामकृष्ण परमहंसदेव, गांधी इत्यादि मे ई बात प्रत्यक्ष देखना जाइछ.
राम-भरतक मिलन समयक अश्रुपात, सीताहरणक पश्चात् रामक विलाप, जटायु के कोरा मे ल’ क’ करुण क्रन्दन... आदि मातृृ अंशक पराकाष्ठा तँ विश्वामित्रक संग राक्षस सबहक बध, धनुषभंग कालक सौर्य, बालि-बध, समुद्रबंध कालक भृकुटी तानब, राम-रावण युद्ध कालक रौद्र रूप...आदि पुरुष अंशक चरमोत्कर्ष बुझना जाइछ I

Sunday, September 8, 2019

हरि चरण कखनो ने छोडू I

महद् वृक्षक सेवने जन,
छाँह-फल दूनूके लाभय ।
जँ क़दाचित फल ने भेटल,
छाँह क्यो नहि रोकि पाबय ।।
नोन व्यवसायी के सेवने,
छटाके भरि नोन पायब ।
महाराजक सेवने तँ,
कान दुहुँ सोने मढायब ।।
लोभ मे पापी के चाटब,
अहूँके संगहिं बुड़ायत ।
स्वयं अछि आकंठ डूबल,
अहूँके संगहिं डुबायत ।।
छोड़िक' हरिनाम, लछमी-
केर पाछू की पड़ल छी?
हुनक वाहन सदृश, नेत्रक-
अछैते आन्हर बनल छी?
शारदा के करू सेवन,
हंस सनके ज्ञान पायब ।
नीर-क्षीर विवेक लभिक'
जगत मे नामो कमायब ।।
बितल जिनगी छल-प्रपंचे,
आब माया-मोह छोड़ू,
जपू रामक नाम सदिखन,
हरि चरण कखनो ने छोड़ू ।।
हरि शरण कखनो ने छोड़ू ।।

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Thursday, May 16, 2019

करमौली ग्राम-गाथा (2)


               
                   विषय अनुक्रमणिका :-
1.     भूमिका                                    पृ० सं० 1-5
2.     ग्राम-बासक वर्णन-
3.     चौपाड़ि एवं ब्रह्मबाबा
4.     डिहबारबाबा
5.     ब्रह्मचर्याश्रम
6.     माध्यमिक विद्यालय
7.     फिल्ड
8.     नवाह
9.     दुर्गा-पूजा 
10.                         ख़बासक पोखरि
11.                        बाबा पोखरि
12.                         ग्राम्य-हाट
13.                         विशिष्ट व्यक्तित्व
14.                         उपसंहार   










2. ग्राम-बासक वर्णन :-

i. ब्राह्मण:-
एक स्थूल आकलन सँ अनुमानतः लगभग 200 बर्ख़ पूर्व ऐ गाम मे पहिल व्यक्ति बसल छलाह जे डीही भेलाह I तकर बाद ब्याह-सम्बन्ध सँ भगिनमान सब बसलाह I किछु व्यक्ति स्वतंत्र रूपें सेहो आबिक’ बसलाह जिनकर वंशज सब एखन देखना अबैत छथि जे किनको भगिनमान नहिं छथि I  
प्राचीन काल मे ऐ स्थान पर घनघोर बोन रहल होयत I ऐ बोन मे बाघ-सिंह सहित आरो जीव-जन्तु सब रहल होयत I ई तथ्य ऐ बात सँ सिद्ध होइछ जे ग्राम-डिहबार नरभक्षी बाघ के मारने छलाह आ बाघो हुनका मारि देने छलनि I हाल-हाल तक गामक चारूकात घनघोर बोन छल I बीच गामो मे कैकटा सघन बोन-झाँखुर हमरो सबहक ज्ञान मे छल, किछु अवशेष एखनो देख’ मे अबैछ I      
संभवतः नरभक्षी के मरि गेलाक उपरांत सबसँ पहिले ओइनबार-ओइनी वंशक लोक ऐठाम आबिक’ बसलाह I ई लोकनि डीही कहाबैत छथि I हुनकर बास वर्त्तमान मे गामक सबसँ उत्तर मे छन्हि I डीहीक एखनुक लोक सबके देखला सँ मात्र तीन पट्टीदारक वंशज दृष्टिगोचर होइत छथि I शायद तारापति ठाकुर वा हुनक एक-दू पीढ़ी ऊपर के व्यक्ति जिनका एके सन्तान छल हेतनि ऐ ठाम आयल छल हेताह I ओना एखनुक पटीदार सब तारापतिए ठाकुर सँ फूटल बुझाइछ I तरापति ठाकुर के पुत्र माना ठाकुर आ हुनकर पुत्र हंसपति ठाकुर छलाह ।
हंसपति ठाकुर के चारि पुत्र छलनि- सबसँ ज्येष्ठ बाबूजी ठाकुर जिनका पाँच पुत्र छलनि, द्वितीय पुत्र सिंहेश्वर ठाकुर जे कुमारे अवस्था मे काल-कवलित भ’ गेलाह, तृतीय पुत्र किशोरी ठाकुर जिनका तीन पुत्र छलनि आ सबसँ छोट लक्ष्मीदत्त ठाकुर जिनका दू पुत्र छलनि I
डीही ओइनबार-ओइनीक भगिनमान दिघवे सब छथि I हुनकर जनसंख्या बहुत बेसी कहक चाही, बीच गाम मे आ पुबारी भाग मे सेहो बहुत लोक छथि I दिघवेक भगिनमान एकहरे सब छथि I ई सब गाम मे सबसँ बेसी छथि I उत्तर-पूब कोन मे आ गामक दक्षिण मे ई सब छथि I एकहरेक भगिनमान सदरपुरिए सब छथि I हिनको सबहक संख्या बड्ड बेसी कहाक चाही I गामक दक्षिण-पश्चिम भाग मे आ ओइसँ पश्चिम दक्षिण भाग मे ई सब बसल छथि I
एकर अतिरिक्त स्वतंत्र रूपें बसल लोक सब मे आशेश्वर झाक परिवार, भगीरथ जीक परिवार, सत्यनारायण ठाकुर(सरकार)क परिवार, दशरथ जीक परिवार एवं किछु आर लोक सब छथि I ब्राह्मणक क़रीब 500 घर हएत I

सम्पूर्ण गामक ब्राह्मणक एकटा सूची प्राप्त भेल अछि जकरा अंकित क' रहल छी- (मात्र नाम लिखल छैक, श्री/श्रीमती अंकित नहिं छैक ताहिलेल क्षमा प्रार्थी) :-
करमौली :-
A. डीही (ओइनवार ओइनी) :- तारापति ठाकुर- माना ठाकुर - हंसपति ठाकुर-1. बाबूजी ठाकुर, सिंहेश्वर ठाकुर, किशोरी ठाकुर, लक्ष्मी ठाकुर ।
बाबूजी ठाकुर-1. यदुनन्दन ठाकुर, शत्रुघ्न ठाकुर, मनपूरण ठाकुर, मनरक्खन ठाकुर, जिरेक्खन ठाकुर ।
यदुनन्दन ठाकुर :- अलिकनाथ ठाकुर ।
शत्रुघ्न ठाकुर :- धनंजय ठाकुर ।
मनपूरण ठाकुर :- 1. श्रीकृष्ण ठाकुर 2. भोला ठाकुर ।
3. मनरक्खन ठाकुर :- ठक्कन ठाकुर, उप्पी ठाकुर ।
जिरेक्खन ठाकुर :- राम चन्द्र ठाकुर, बौधू ठाकुर ।
2. किशोरी ठाकुर :- करयुग ठाकुर, शशिधर ठाकुर, सृष्टधर ठाकुर ।
3. गंगाधर ठाकुर :- सरयुग ठाकुर, गंगाधर ठाकुर ।
B. दिघबे नगर :- चतुर ठाकुर-गुंजे ठाकुर, मूसे ठाकुर, माधव ठाकुर ।

गुंजे ठाकुर-फौदार ठाकुर, हरिदेव ठाकुर, सुकदेव ठाकुर । मूसे ठाकुर- मोहित, जयरुद्र । माधव ठाकुर- नागेश्वर ठाकुर ।  फतूरी ठाकुर- रघुनंदन ठाकुर -हरिश्चंद्र-परमानंद, घूरन, बैदिक । शिवचंद्र-× । महाचंद्र -प्रेम, वीरचन्द्र, सुभाष । देवचन्द्र-खडानन, मदन, अशोक ।
B1. दिघबे- राजवंशी ठाकुर - 
लक्ष्मीनारायण, भारतेंदु, सुशील, ईशनारायण ।
भारतेंदु-भवनाथ, प्रेमनाथ, रमन, विश्वनाथ ।
सुशील- पुण्यनाथ ।
ईशनारायण - मुन्ना, चुन्ना ।
B3. भगता(जनार्दन), अनंत 
भगता-लक्ष्मी,
लक्ष्मी-राजदेव, ब्रह्मदेव ।
अनंत- चंद्रकांत, शुभकान्त ।
B4. मौजेलाल- शोभा, राम, ऐस्तानंद, रुद्रानंद ।
शोभा- बेलभद्र, हनुमान, बौकू(तुलाकान्त),....
राम- नरेश, गणेश ।
ऐस्तानंद-पवन, अरुण ।
रुद्रानंद-बिकन ।
B5. वेदानन्द- 
B6. शूलपाणि, चक्रपाणि ।
शूलपाणि- इंदल, भूप, रूप, शुभ ।
चक्रपाणि--दुर्गानंद, हरि ।
दुर्गानंद-नित्यानंद, मेधानंद ।
हरि ठाकुर-भवन ।
B7. श्रीकांत, महाकांत, गौरीकान्त ।
श्रीकांत- शिवानन्द, ब्रह्मानंद, योगानन्द ।
शिवानंद-आनंद
ब्रह्मानंद- लाल, विवेक, प्रमोद,...
योगानन्द-×
महाकान्त-जीबछ-अरुण,
गौरीकान्त- सदानंद, विद्यानंद, गोकुलानंद, कृष्णानंद ।
सदानंद-धीरा, शंकर ।
विद्यानंद-× 
गोकुलानंद-× ।

कृष्णानंद- ।

C. एकहरे ओरा:-
C1.कपिलेश्वर झा - गणेश झा, महंथ झा, विद्यानंद झा, नारायणदत्त झा, बहादुर झा ।
गणेश-राघोजी ।
महंत- लक्ष्मण, जयचंद्र ।
विद्यानंद-जीवानंद, शुभचन्द्र ।
नारायणदत्त -धैरज, छोटकन
बहादुर-गौरीशंकर ।
C2. !.परसुराम झा- गोपी-×, भालेश्वर ।
भालेश्वर-इंदल ।
!!. सहदेव झा- शुभकान्त, फिरन, नबिकान्त
!!!. बलदेव - बाबूसाहब, शिव
!v. जगदेव- कृष्णकांत, हृदयकान्त ।
C3- फेकू झा- शिवानंद झा-श्रीधर ।
महावीर झा-दयानन्द, गोपाल जी झा ।
जयवीर झा-
D1. !.जयकृष्ण झा- रामेश्वर, जागेश्वर ।
रामेश्वर- सत्यनारायण ।
जागेश्वर- उमा, पीताम्बर, पूरण ।

बद्री झा- ढोंढाइ झा-राजेन्द्र,...

E :-
E1. बुच्चन झा :- 1.राजधर-बैद्यनाथ, जगन्नाथ, भैरव ।
2. आशेश्वर :- पवन, निरसन, हृदय ।
E2. बबुअन झा -1.कुमरलाल- नारायण-× ।
2. लोचन झा-5 लड़की ।

F- परिवार हाटी -
यदु झा -
1. रामेश्वर-!बतहू-1 बेटी, !!नबोनाथ-रत्नेश्वर, भवनाथ, !!! कंटीर-महाराज,  !v. महीन्द्र-बिल्लू ।
2. महंथ-!.बैद्यनाथ-हरिनाथ, अमरनाथ, अशोक ।
!!. जगन्नाथ-जवाहर, जयप्रकाश ।
!!!. काशीनाथ- बेचन,प्रदीप ।
!v. केदार- बटेश,
v. पशुपति- अजय, विजय ।
v!. बद्रीनाथ- रतीश
 3. कुशेश्वर-
!. कारी- नरेश, मिथिलेश, विघ्नेश, उगंत ।
!!. महेश- धर्मेश, धनेश ।
4. शोभन -!. गिरिधर- अरुण,
!!. धरणीधर :- विनय, बच्चू, मनोज ।
5. भुट्टे (सूरति) झा :- विश्वम्भर :- !.-ध्रुव-राजाराम, रामबाबू, मुन्ना, भुन्नर । प्रह्लाद :- प्रजाराम, बुब्बू ।

6!. a.मकसूदन-
!. मुक्तिनाथ-ऋद्धिनाथ ।
!!. भगीरथ :- विश्वेश्वर, जीवेश्वर, मानेश्वर ।
b. सहदेव -गोपाल ।
6 !! अनंत झा-×, 

दौहित्र- मोहित झा- बहुरन, कुलदेव, धीरन ।

B!! जयरुद्र-पुरुषोत्तम, दिलीप, अनिल,-...एक और ।

7. गनौर ठाकुर :-
!. श्रीनारायण-एक बेटी अनमोला ।
!!. सत्यनारायण- सुबोध, बालबोध, रामबोध ।
!!!. देबन :- जयबोध, रमन, .पवन..सुखेश्वर..कुल5

8A हरिनन्नन झा :-
a. कुशेश्वर- !.मधुकांत-अमीर
!!. सूर्यकान्त- अमर, शंकर
!!!. (बुड़हा)देवकांत- कुमर, जगन्नाथ ।
!v. चंद्रकांत-दू पुत्र ।
v. लक्ष्मीकांत-
b. महंथ- बैद्यनाथ, उग्रनाथ ।
8B  बौकू-बटोही-काशी, दोसर एक ।
8C --श्रीनन्नन--छेदी-बोए, देबानजी, तेसर एक ।

9. राधाकांत-शोभाकांत-5 पुत्र ।

10. !.श्रीलाल झा-4 बेटी,
!!. अचितलाल- 4 बेटी,
!!!. अजबलाल-मंगनू-सनातन
!v. बुद्धन-
a.रामझा-
a1 सुरजू- मोहन,अरुण, अशोक,मनोज ।
a2बामशंकर-2, 
a3. नारायणजी-आलोक ।
b.परमानंद-कृष्णा
c. खेलानंद-एक बेटी ।

d. कृपाकान्त :- दू बेटा ।

11. सौदरपुरिए ;-
a. श्रीकृष्ण मिश्र - !.जटाशंकर-तीन लड़की,
!!. रमेश, उमेश
b. मुक्तिनाथ-अमरनाथ, भोलू
c. दुखमोचन- महींद्र, राजेंद्र, नागेंद्र
d. देव कृष्ण- हर्ष, कुमर, मोद, तेजू, कुमोद ।
e. विश्वनाथ- मदन, शची(बेटी)
f. शशिनाथ- अमीन्द्र
11a !जनार्दन-
बलदेव-चक्रधर,बच्चा,नंदलाल (तीन लड़का).
!!. दामोदर- उपाध्याय- महेश,..धनेश (तीन भाई).
11b चिरंजीव-
!.धनुषधर-अरुण,..
!!कला- अनिल,..
!!!. भोगी- विजय, अजय, संजय ।
11c. 
!.परमेश्वर.-काली- इन्द्रकांत, मणि
!!. युगन - रुद्रधर-
ऋषि-1 लड़का।
!!!. सूरे- सुशील,
सुबोध(दू भाइ)
12. कल्लर -
!. घूरन- श्रीदेव, चन्द्रदेव, इन्द्रदेव ।
!!. पुलकित- शंकर, (तीन)
!!!. दुखहरण- दू लड़का
 (...लाल).
13. !उचितनारायण- हरिश्चन्द्र- पवन, धैर्यू
!!. अबध-विष्णु
14. !बबेलाल- नागेश्वर- ठक्कन, निर्मल, विशे
!!.-गुलाब बैद-कामेश्वर-×
15. दशरथजी-
! शुभद्र- दू लड़का,
!!. किशुन-
!!!.- उत्तिम-5 लड़का
!v दिवस
v. जीवकांत-1 लड़का ।
16. बच्चू-
!. अलीक-खरकन-भोगीन्द्र, शोभिन्द्र, ..एक और ।
!!.गणेश- रामलोचन,श्यामनारायण, चंद्रनारायण ।
17. a.मकसूदन-
!. मुक्तिनाथ- ऋद्धिनाथ
!!. भगीरथ-विशेश्वर, जिबू, मानेश्वर ।
b. सहदेव- सुरजू,... गोपाल (तीन भाइ) .

गोपाल- चारि बेटी ।

18. एकहरे -
पुष्पलाल झा-
!.योगी झा-१. गीता झा-चतुर्भुज-सुनील
२. शिवशंकर झा- गणपति, श्रीपति, भूपति, विद्यापति ।
!!. राजकुमार झा-१ हरिश्चंद्र- कामदेव, उग्रदेव, अनिल, अवनी, अंजनी
२. ताराकान्त- उदय, शुभचन्द्र, रतीश
३. देवकांत -अमर, विन्दू,...3
४. मधुकांत-कृष्णकांत
५. मुनीश्वर- ......राजकमल ।
!!!. बतहू झा- १.बुद्धिनाथ-सुधीर,....
२. कंटीर- 4 लड़का
३. बौअन- अरुण, वरुण
!v. मुक्खी झा -१.फेकन-रामू,
२.शोभा- झोटैल, ....3 भाइ
३. महादेव -गंगाधर
v. शशिनाथ झा - १.भगवत-
गोपी,गंगेश्वर, सुरजू, दिगम्बर, विश्वम्भर, पीतम्बर, नीलाम्बर ।
२. गणेश- मुंशीजी ।
v!. राजी झा (बेमात्रे)- १.फुस्सी- दिनेश, महेश
२.बटोही -विघ्नेश,....3 भाइ
18A 
!.कालिकांत-१मोहन-रघुनाथ, भोला
२ बुनीलाल-2 लड़का
!!. उमा-1. भुटकुन-
परमेश्वर, भगलू
2. चक्रधर-1 बेटी

३......टुनटुन-बंशीधर, सीताराम, दाताराम, कृपा, दया ।

18B. नेबाजी झा :- 
!. बतहू -×
!!. लूटन- नारायण ।
18C. बुच्चन झा:-!. तोफालाल- विजयकान्त, चंद्रकांत, इंद्रकांत, हृदयकान्त  ।
!!. अभयकांत- 
परमानंद, रघुवीर,....3भाई ।
18C. a.झिंगुर झा-
1.लूटन झा-!. लंबोदर, बिनायक
2. मकेश्वर-राजेश्वर
18D. b. राधाकांत झा-
!. दुखहरण- 2 बेटा
!!. महावीर-1 बेटी जयन्ती
!!!. चिरंजीव-सतीश
!v.- a.झोंटन- आदित्य-2 बेटा 
b. मृत्युंजय
18E. 
कैल-
!. चंद्र शेषर
!!. इंद्रा शेखर,
!!!. कृष्णदेव,
!v. श्यामा नंद
19. परिबोध झा:-
!. कृतनाथ,
!!. बौए लाल

!!!. जह्नु

20. कपिलेश्वर झा-
!. मधुकर-जगन्नाथ, धर्मनाथ
हर्षनाथ
!!. लक्ष्मी-धर्मा, गोपाल,.....3 भाई ।
!!!. जयभद्र-कविजी ।
!v. रामदेव- ...बेचन,..भुल्ला..4 भाई ।
21. नरवारे-
A. !.कुशे झा-
a. उपेंद्र झा- शिवशंकर, हरिशंकर, जयशंकर, सुधीर ।
b. तिरपित- ....विजय, ...5 भाई ।
!!. तेजनारायण-बलूट-3 बेटा
B. !.विदेश्वर- राम चन्द्र
!!.जलेश्वर-मदन, . ...3 भाइ ।
!!! धनेश्वर-2 बेटा
C. !.राजधर-
!!. जटाधर- 3 बेटा,

22. रघुनंदन-!. नचारी- दुःख हरण,
!!. अनिरुद्ध- 2 बेटा ।
23. राधाकांत मिश्र- शोभा मिश्र- 4 बेटा ।
24. अयोध्या झा -
!. श्याम सुंन्दर- सूर्य कान्त- 6 भाइ- महानंद, दिनेश, निरंजन, रंजीत, महेष, पंकज
!!. जय लाल -×
!!!. बृज लाल-
!. अबधू -उमेश, राजेश, बजरंगी ।
!!. भूप- रमेश, गुणेश
!!!. सरवन-1 भाइ ।

25. एकहरे (भोकराहा)-
A. !.चिंतामणि- १. तुरंत झा- मोहन, दिवाकर-नारायण, ऋषि-अरुण, फूलो, कृष्ण चंद्र, शंभू-4, विष्णुदेव-3
२. नेवा लाल-शंकर-गणेश, गुणेश, विनोद
!!. हिर्दमणि-१. खुशीलाल-अभिराम, जयराम, हरेराम, लक्ष्मण ।
२. दिगम्बर- बलराम, श्री राम, विद्याराम
B.  दीर्घमणि-
!. नृत्य लाल-मंगल -2 बेटा, 1 बेटी सुनयना ।
!!.पलट - भीम, जयरुद्र, उदयकांत ।
!!!. योगेंद्र-
a.महारुद्र -वशिष्ठ, ललित,.. b. चुनचुन-सरोज, निरिज c.परमानंद -1 बेटा ।

26. अनन्त झा -

दौहित्र- मोहित- बहुरन, कुलदीप, धीरण ।


ii. अमात :-
गामक पश्चिम भाग मे सड़क के पूब आ पश्चिम अमात सब बसल छथि I हिनकर पूर्वज लक्ष्मण ख़बास दड़िभंगा राज मे टहलू छलाह I महाराज रामेश्वर सिंह हिनका बड्ड मानैत छलथिन्ह I ईहो पूर्ण समर्पित भाव सँ हुनकर सेवा मे लागल रहैत छलाह I महाराजक कोनो शत्रु के ई मारि देलनि जाहिसँ महाराज बहुत प्रसन्न भेलथिंह I राजक कृपा सँ हिनका खूब संपत्ति प्राप्त भेल छलनि I दक्षिण भागक च’र करमौली सँ डोकहर तक 1100 एकड़ हिनके छलनि I सात-आठ बिगहा मे तँ हिनकर बासे हेतनि I एकर अतिरिक्त गामक उत्तर मे गोरहा, गाछी सब बहुत छन्हि I गामक पहिल विशाल पोखरि “खबासक पोखरि” हिनके कीर्ति छन्हि I अही पोखरिक उतरबरिया भीर पर ब्रह्मस्थान अछि जतय एकसठि बर्ख़ सँ नओ दिनक नवाह संकीर्तन होइछ I अन्य तीनू भीर पर लोकसब बसल छथि I ब्राह्मणक बाद जनसंख्या मे अमाते सब छथि I ई सब क़रीब 50 घर हेताह I

अमात(खबास)
A.
1. प्यारे खबास -! लक्ष्मण - a.राजकुमार-बिन्दे
b.सुरुज-डोंरबा
c. महावीर-छोटुआ
!!. नंदकिशोर -!. जयदेव-अयोध्या, बदरी,
!!. सुक्कन -
!!!. रघुवीर-
!v. जयवीर-बेटी आशा
2. लाल खबास-

B. 1.कुन्ज-
a.बरमीदत्त-जुगे-रमाकांत, भोला, कमलाकांत
!! नागे- शोभाकांत, राधे, बिजली,
!!!
बीसे- मदन,...दू बेटा ।
b. ननकी-जागे- हरिकांत...
कामे-...., पुलकित- बोकाई, सत्यनारायण, हरिनारायण, देवनारायण, बोधनारायन
2. सुन्दर -मनिदत-
!. महेष्वर,
!!. उमे
बेमात्रे--
!!!. भुवनेश्वर
!v. राजे

C. नन्नू राय-
!. खट्टर-देव सुन्दर-4 लड़का
!!.तोफी-मंगल-3 बेटा
!!!. विजय-×
!v. बच्चे लाल -5 बेटा-लक्ष्मी,.. ,देवा..
D. सुगालाल- !. राम शरण- हरि नारायण,.
!!. अबध- शंकर..3
E. !. जलेसर-2 बेटी-अमरीका...
!!. नंदलाल- जुगेसर-3 बेटा
!!!.कारी राय- 5-कुशेश्वर, बिदे, चंदू, नंदू, मन्दू
F. हरिनंदन-रामेश्वर-वैद्यनाथ,अभिनाथ, गंगाराम
G. जलप खबास-मकुंदत-!.सीताराम-2बेटा,
!!. शीतल-2 बेटा

H. सुवंश-सिंघेश्वर-1बेटा
I. सरजुग-!. बेलू-विद्यानंद
!!. हरि राय -
!!!. काशी-×
J. कृष्णदेव राय -बेचन-अजय
K. सुकदेव-!. विदेशी-वैद्यनाथ, जगन्नाथ
!!. चम्मक-गोपी, शोभा, नंदकिशोर...4 भाई
L. ठक्कन-
!. माधव-महेन्दर, सौखी
!!. खट्टर- 2 बेटा
!!!. महंथी- बौएलाल, हीरालाल....३ भाइ
M. सुबुध- भागिन नथुनी ।
अमात -
N. सत्यदेव -
!. रामजी -बेटी कुसमा-तीन बेटा-श्याम, शिव...
!!. रामदेव - निरंजन, तेजी.३

iii. कुम्हार :-
डीही सबहक सटले पश्चिम कुम्हार सब छथि I पूर्व मे हिनकर सबहक मुख्य कार्य बरतन बनेनाइ छलनि I आबा मे सुराही, घैल, तौला, ढाकन, सरबा, मटकूर, मटकूरी, चुक्की, खौर, छठिक हाथी, खापैर, दिबारी...इत्यादि पकाक’ वियाह, उपनयन, एकादशी यज्ञ, दिया-बाती, छैठ आदि सुअवसर पर दैत छलाह आ संगहिं हाट-बजार मे सेहो बेचैत छलाह I आब ओहो सब नोकरी-चाकरी मे लागि गेलाह अछि आ बरतन-बासन मे  नगण्य लोक लागल छथि I पूर्व मे ततेक प्रेम-भाव छल जे ब्राह्मण घरक उपनयनक बरुआ सबके उपनयन सँ पूर्व कुम्हार सबहक घर मे निमंत्रण पड़ैत छल I एखनहुँ निमंत्रण पड़ैत अछि मुदा दोसर रूप मे, मात्र पूरी-तरकारीक भोज देल जाइछ I कुम्हार सबहक क़रीब 25 घर होयत I


कुम्हार :-
A!
रामभज्जू- a.सेवग-×
b. थारू-×
c. लखन- !महावीर-परिबोध..४
!!. खखरू-सनफुल-नसीब.३ 
!!छटठू-१, 
!!!लाले-३
A!! भीम-
!. मुन्नी- बौकू-कुञ्जी, भुटाइ, फगुनी, राजलाल
!!. फोचे -
a. फूलचंद- मोहन, सोहन, रोहन
b. बालचंद्र - मैनेजर,.२

A३. टुनाइ - 
!. पलट-दल्लू-उतमा, भोगी, जोगी
!!. रघुनंदन-बेटी देवकी-सुकन
!!!. मुक्ती- a.बद्री-दुर्गा, आसमानी, 
b.नारायण-२बेटा

B लाली-
!. गोविन्द - असर्फी-×
!! सूबे-२ बेटी-डोमनी,गुजरी
!!!. राम- गोनू-
a. सोमन, लक्ष्मण

!v. प्रसाद-झामलाल-२बेटी
iv. हलुआइ :-    
गामक पश्चिम भाग मे सड़क सँ पश्चिम भाग मे हलुआइ सबहक घर छन्हि I पहिले हिनकर महिला सब कंसार लगबैत छलीह, मर्द सब खेती-बारी करैत छलाह I आब कंसार प्रायः समाप्त भ’ चुकल अछि I हलुआइ सब नोकरी-चाकरी आदि मे लागि गेल छथि, खेती आ कंसार छुटि गेल छन्हि । ई सब लगभग पंद्रह घर हेताह ।
विस्तृत विवरण :-

A. !.जनक साहु -गंगा-३ बेटा
!!. कैलू :- लक्ष्मण, ...२ बेटा
!!!. नथुनी - ...भोगी...३ बेटा
B. पच्चू साहु -
!. लक्ष्मी -प्रदीप
!!. पूरण-
!!!. सरयुग
!v. राम विलास-
C. !. फूदन-२बेटा
!!. राजे-१ बेटा
D. मंगल साहु- फिरन-



v. हज़ाम :-
 पहिले गामक सबसँ पश्चिम भाग मे तीन घर हजामक छल I आब वैह सब बढ़िक’ पाँच-छ’ घर भ’ गेल अछि I बतहू, भागवत, कारी ठाकुर सब नामी रहथि, बतहू आ भागवत तँ स्वर्गवासी भ’ गेलाह, कारी ठाकुर एखनो छथि I बतहू ठाकुर के कम सुझैत छलैक मुदा तैयो लोक डेराइतो-डेराइतो केस-दाढ़ी बनबा लैत छल I  

विस्तृत विवरण :-

A.!.सुबुध- लक्ष्मी-छितन-४ बेटा,
!!. बतहू-३ बेटी
B. केसवर-
!. सरजुग-
!!. कारी:-....रामानंद...३
C. गुदरी -
!. भागवत- प्रभु..२
!!.-असर्फी-२ बेटा

vi. तेली :-
पूर्व मे दू घर तेलीक छलन्हि, आब एक-दू घर आर बढ़ि गेल छन्हि I पहिले ई सब कोल्हु चलबैत छलाह I बड़दक आँखि मे पट्टी बान्हल रहैक छलैक I बीच मे उक्खड़ि रहैत छलैक, ओइ मे खेतक उपजल सरिसो द’ देल जाइत छलैक I उक्खड़िक बीच मे समाठ रहैत छलैक I समाठ के बाँस द्वारा बड़दक गर्दनि मे बान्हि देल जाइत छलैक I बड़द के घुमला सँ सरिसो पेड़ाइत छलैक, खैर एक दिस आ तेल दोसर दिस खसैत छलैक I ग्रामीण इंजीनिअरीक नीक उदाहरण कहक चाही I एकरा जोगाड़ टेक्नोलोजी कहि सकैत छी I वाल्यावस्था मे हम सब कोल्हु देख’ जाइत छलहुँ आ बड़ी-बड़ी काल धरि देखैत रहैत छलहुँ I बड़दक के घुर्मी नै लागै तैं आँखि पर पट्टी बान्हि दैत जाइत छलैक I तेली सबहक घर हजाम सबहक सटले दक्षिण छलन्हि I


तेली :-
A.खट्टर साहु-
!. परमेश्वर- योगिंदर
!!. कामेश्वर-राजेंदर
!!!. नेती-भोगेन्दर
B. खट्टर -
!.भजन
!!....
!!!... तीन बेटे ।
C. भोचन-×


vii. चमार :-
गामक पश्चिमे भाग मे हजाम सबसँ किछुए उत्तर दस घर चमारक छल I आब पंद्रह–बीस घर भ’ गेल छथि I हिनकर सबहक मुख्य व्यवसाय खेतिए कहक चाही I ओना कोनो माल-जाल, कूकुर आदि मरि गेला पर यैह सब ओकरा हटाबैत छथि, ई सब स्वच्छताक सूत्रधार छथि I हिनकर सबहक काज बहुत प्रशंसनीय छन्हि I जँ ई सब नहिं रहितथि तँ गाम घिनायल रहितय आ रहब बहुत दुरूह होइत I

viii. लोहार :-
मात्र एक घर लोहारक छल, सेबैत लोहार I हुनकर एक मात्र पुत्र तिलक ठाकुर हमर बचपन के संगी छथि I एखनो एके घर कहक चाही I हँ, आब तिलक ठाकुर के दू-तीन पुत्र छन्हि मुदा सब बाहरे छन्हि, तैं एके घर अछि I हिनकर घर अमात सबहक बीचे मे आर.डब्ल्यू.डी. सड़क सँ पश्चिम मे छन्हि I

ठक्कन ठाकुर-सेवत ठाकुर-तिलक ठाकुर-
!......    ..... रामू ३ बेटे ।

ix. यादव :-   
पहिले यादव सब गुल्टेनी झा पोखरिक पुबरिया महार पर बसल छलाह I लगभग बीस घर छलाह I आब ई सब धधहरा गाछी मे सड़क सँ पश्चिम बसि गेलाह अछि I विजय यादव के नाम पर टोलक नाम विजयपुर राखैत गेलाह I हुनका सबहक लेल नीके भेलनि I पुरना बास बड्ड कंजस्टेड छलनि, नबका मेन रोड पर खूब ऐल-फ़ैल बास! पुरना बासक जमीन घरारी के महग भाव मे बिकेलनि I नबका बास हुनका सबके खेतीक जमीन आ गाछी छलनि I अगल-बगल के जमीन जे हुनका लेल महग घरारी छन्हि सस्ता मे धनहर खेतक भाव भेटलनि आ एखनो भेटि रहल छन्हि I गाछीक आमक लाभ सेहो भेलनि I नोकरी-चाकरी, दूध-व्यवसाय, खेती आदि मे समर्पित ई सब खूब सुखी संपन्न भ’ गेल छथि I ओइ टोल पर हमर संगी टेकन (सीताराम यादव) छथि I एकदिन गेल रही त' भेट भेल रहथि आ खूब गप्प-सप्प भेल, बाल्यकालक संस्मरण ताजा भ' गेल I

यादव :-
A. अनूप यादव-
!. सुबुध यादव-
a. रामफल-× एक बेटी
b. भोला-× एक बेटी
!!. विजय-
a. रामेश्वर-भोगी,..२ बेटा
b. जागेश्वर-×
c. जुगेश्वर-२ बेटा
d. कामेश्वर-२ बेटा
e. बौएलाल-
!!!. उदय -२ बेटा
!v. रूप लाल -..टेकन..२ बेटा

B.
!नुजाइ यादव- बिकाउ...२ बेटा
!!. भुसाइ - रामदेव..३ बेटा

C. जीबछ यादव- बेकल-राम लोभित,...२ भाइ,
रामलोभित-उग्रेश यादव (चौकीदार),

D. लालचन-
!. परमेश्वर-
!!.जुगे-
!!!. पुलकित-
!v. महेश्वर-

E. निर्धन-३ बेटा...सीताराम