याचना नहिं उचित, ईष्टक-
ध्यान सबटा ताप मेटय ।
बिना मँगने भेटय मोती,
माँगने भीखो ने भेटय ।।
माँगने भीखो ने भेटय,
धैर्य ध' सत पथ चली ।
ईष्ट पर सब भार द' क'
काल गति देखल करी ।।
जे देलनि मुख आर दू कर
पूरता सब कामना ।
ईष्ट पर बिसबास क' क'
उचित नहिं थिक याचना ।।
ध्यान सबटा ताप मेटय ।
बिना मँगने भेटय मोती,
माँगने भीखो ने भेटय ।।
माँगने भीखो ने भेटय,
धैर्य ध' सत पथ चली ।
ईष्ट पर सब भार द' क'
काल गति देखल करी ।।
जे देलनि मुख आर दू कर
पूरता सब कामना ।
ईष्ट पर बिसबास क' क'
उचित नहिं थिक याचना ।।
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