2012 मे संयुक्त
राष्ट्र जेनरल एसेम्ब्ली द्वारा 20 मार्च के वर्ल्ड हैप्पीनेस डे घोषित कएल गेल I
कुल 156 देशक प्रसन्नताक सूची मे भारत ऐ साल, 2018 ई० के 133म स्थान सँ सात स्थान
नीचाँ लुढ़कि क’ 140म स्थान पर पहुँचि गेल I फ़िनलैंड पोरकों साल प्रथम छल आ अहू बेर
प्रथम आयल I हमर पड़ोसी देश मे पाकिस्तान 67म, चीन 93म, बंगलादेश 125म पर अछि I
संयुक्त राज्य अमेरिका 19म स्थान पर अछि I
अप्रसन्न रहबाक
कारणक तह मे जायब तँ पायब जे एकर मुख्य कारण नकारात्मक भावक वृद्धि थिक I चिन्ता,
उदासी, क्रोध, कलह, असंतोष, एक दोसर सँ घृणा, परनिन्दा, चुगलखोरी आ आपसी वैमनस्य,
कंजूसी,..... आदि एकर मुख्य कारण बुझाइछ I
आब सोचल जाय जे
आर्थिक रूप सँ भले हम उन्नति क’ रहल छी मुदा प्रसन्नता घटि रहल अछि I जनसंख्या
वृद्धि सेहो प्रसन्नता घटबाक मुख्य कारण बुझाइछ I कंजूसी तँ हमरा सबहक रक्ते मे बसल अछि I धन
रहितो हम सब जमा कर’ मे लागल रहैत छी I चिकित्सा, शिक्षा, नीक रहन-सहन, नीक
खान-पान पर खर्च केनाइ हम सब अपव्यय बुझैत छी I
गाम-घरक हाल तँ आर खराप अछि, लाखो
रुपैया बैंक मे, संदूक मे राखल रहैछ मुदा इलाजक अभाव मे व्यक्ति काल-कवलित भ’ जाइछ
I बाप के करोड़ों रुपैया रहितो मेधावी छात्र सब अध्ययन छोड़ि नोकरी वा खेती करक लेल
बाध्य भ’ जाइछ I कपड़ा-लत्ता, खान-पान पर खर्च नै क’ जमीन कीनब लोकक प्राथमिकता
रहैछ I श्राद्ध-भोज पर खूब खर्च करत मुदा बेमारक चिकत्सा पर खर्च करब अपव्यय
बुझाइछ I आब किछु दिन सँ मकान बनाबक प्रचलन बढल अछि नै त’ पहिले लोक पाइ रहितो फूसे-फास
मे रहब पसंद करै छल I
फ़िनलैंडक एक नम्बर पर अयबाक जखन ख़ोज कर' लगलहुँ त' एकटा विलक्षण बात देख' मे आयल I ओइठामक लोक सब मौन बेसी रहैछ, बिना जरूरति के बात नै करैछ I ट्रेन, बस, हाट-बजार सबतरि शान्ति पायब I ओकर विपरीत अपना ओइठाम उक्त सबठाम अनघोल पायब I चौक-चौराहा, चाह-पानक दोकान सब पर अनावश्यक हल्ला-गुल्ला पायब, बात बात पर लोक सबके अरारि करैत पायब I
आब एक बात ध्यातव्य अछि जे हमर मूलधन चोराक'/अपनाक' आनदेश प्रसन्न रहैछ, हम सब ओकरा सबहक अनुकरण क' क' ओकर दुर्गुण (अशांति, कलह, असभ्यता आदि) प्राप्त क' लेलहुँ आ फलस्वरूप बहुत दुखी रह' लगलहुँ I
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