होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु,
ईशके छन्हि पता सबटा बात से ।
तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ,
करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।।
करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि,
मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर ।
मुदित सदिखन रही अपना हालपर,
यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।।
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होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु,
ईशके छन्हि पता सबटा बात से ।
तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ,
करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।।
करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि,
मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर ।
मुदित सदिखन रही अपना हालपर,
यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।।
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