आइ गोमाता के भेटलनि
प्रतिष्ठा सौराष्ट्र मे।
शीघ्रतहिं पौती प्रतिष्ठा
आब ओ भरि राष्ट्र मे।।
गुरु वशिष्ठक कामधेनुक
नाम जग मे सब जनै छथि ।
मात्र धेनुक बलें कौशिक-
सैन्य संग स्वागत करै छथि।।
नंदिनी धेनुक प्रतापें
दिलिप रघु सन पुत्र पायल ।
जाहि रघुकुल राम जनमल
प्रतापी रघुवर कहायल।।
कृष्ण धेनुक प्रबल पोषक
रूप चरबाहक ओ धायल।
बाललीला गाय संग भेल
नाम निज गोपाल पायल।।
दुग्ध धेनुक अमिय सम थिक
माय ओ सब मनुज के छथि।
गाय सबहक पूजनीया
धेनु मे सब देव निबसथि।
प्रतिष्ठा सौराष्ट्र मे।
शीघ्रतहिं पौती प्रतिष्ठा
आब ओ भरि राष्ट्र मे।।
गुरु वशिष्ठक कामधेनुक
नाम जग मे सब जनै छथि ।
मात्र धेनुक बलें कौशिक-
सैन्य संग स्वागत करै छथि।।
नंदिनी धेनुक प्रतापें
दिलिप रघु सन पुत्र पायल ।
जाहि रघुकुल राम जनमल
प्रतापी रघुवर कहायल।।
कृष्ण धेनुक प्रबल पोषक
रूप चरबाहक ओ धायल।
बाललीला गाय संग भेल
नाम निज गोपाल पायल।।
दुग्ध धेनुक अमिय सम थिक
माय ओ सब मनुज के छथि।
गाय सबहक पूजनीया
धेनु मे सब देव निबसथि।
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