Monday, May 22, 2017

गाम

गाम मे ब'रद एको नै
धेनु बांचलि नाम मात्रे ।
ह'र-पालो भूतकालक
महिष सेहो नाम मात्रे ।।
दूध के लेल सुधा डेरी
दही, घी लेल वैह आशा ।
साग-सब्जी हाट पर स'
आन सब शहरेक आशा ।
रामलीला ख़तम भ' गेल
नाटकक नै नाम कत्तहु ।
मनोरंजन करय टीभी
यज्ञ के नै नाम कत्तहु ।।
जूरसितलक पानि संगहि
मल्ल-युद्धो बिला गेलै ।
गामघरक टाइल-पुल्ली
संगहि कबडी बिला गेलै ।।
पंडितक प्रवचन कतहु नै
वेद के पाठो विदा भेल ।
बंद भेल संध्याक वंदन
गायत्री, तर्पण विला भेल ।।
पराती गायन विला गेल
घूर-गप नामो ने सूनी ।
दलानो अंगना मे सटिगेल
पाहुनक नामो ने सूनी ।।

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