Thursday, May 25, 2017

मजा फागु के

देशी भेल विलुप्त, विदेशी-
सेहो नगर स' विला गेलै ।
मजा फागु के लेबे करबै
भांगे स' जग हिला देबै ।।
भोरे स' सिलौट-लोढ़ी ल'
रगरम-रगरा मचा देबै ।
सुकना, बुधना, लखना आबै
हुड़दंगी के मजा लेबै ।।
रस्ता सबके घिना देलक सब
बचल ने कत्तौ कादो-थाल ।
होरी मे मदमस्त भेलै सब-
कूदि-फानि छै हाल-बेहाल ।।
पठशल्ला पर धूम मचाक'
गली-कूची के धंगतनि आइ ।
ब्रह्म बबा के रंग लगेलक,
डिहबारो के रंगतनि आइ ।।
बैर बिसरतै गला मीलिक'
हँसतै-गेतै सब मिलि आइ ।
कुस्ती-ररधुम्मस सब करतै,
रंग मे डुबतै सब मिलि आइ ।।

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