Friday, May 19, 2017

मातृ-शक्ति

मातृ शक्तिक हाथ मे छन्हि
वित्त विद्या शक्ति सबटा।
तखन ओ अबला कोना छथि
बुझि पड़य सब बात उनटा।।

जे थिकी मायाक रूपा
हुनक बस मे सब रहै अछि। 
ओ थिकी काली आ दुर्गा
मूढ़ जे अबला कहै अछि।।

जँ समवसर देल जै त'
सुत सुता स' हारि जायत।
कोन पुरुखक एते पैरुख
गर्भ उर मे धारि पायत।।

शक्ति जँ नै रहत जग मे
सकल नर ठठडी भ' जयता ।
शिव विना ईकार के त'
मात्र शव टा बांचि पयता।।

पालना के जे डोलाबथि 
जगत पर शासन करै छथि।
शिवाजी के बात सदिखन
भारतज पालन करै छथि।।  
    

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