मुसबा मीठी रानिक कापी, कुट-कुट क’ क’ काटि रहल छनि I कान पकड़तनि बिल्ली मौसी, पाछू स’ ओ आबि रहल छनि II
पर मुसबा अछि बड़ी चलाक, नहि बिल्ली स’ आइ धड़ायल I गंध बिलाडिक लगलै जखने, बीहडि मे ओ भागि पडायल II
ओ मुसबा मीठिक बस्ता मे, चूप-चाप एक दिन घुसि गेल I इस्कुल विदा भेली मीठी त’, चुन-चुन क’ क’ चट कुदि गेल II
मीठी सोचथि ध्यानमग्न भ’, मुसबा जं इस्कुल चलि जैतय I कुदिते-फनिते भरिदिन रहितय, लुतिका मैडम स’ पढि लैतय II
मैथ बनबितय सबके संग मे, हमर टिफिन सबटा खा जैतय I गाना गबितय चुन चुन चुन चुन, फस्ट दौड़ मे ओ क’ जैतय II
मुदा जं तखने बिल्ली अबितै, दौड़ छोडिक’ भागि पडइतै I बच्चा सब दौड़’ मे लागल, भागि क’ मुसबा जान बचइतै II
मूषक के मारू ने कहियो, देन प्रकृति के थिक ई चुन-मुन I हिनक क्रिएशन अद्भुत लागय, धरती के शोभा ई टुन-मुन II
गणपति के वाहन मूषक स’, प्रेम करै जेबै सब जखने I निश्चित हे'ता मुदित गजानन, दौड़त चट विद्या सब तखने II दौड़त चट...........................II
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