Thursday, July 14, 2016

मदारी

देखू एक मदारी आयल,
नर-मादा बानर दू लायल.
डम डम डमरू बजा रहलअछि,
बच्चा सबके जुटा रहल अछि..
पिंकी, मुनिया, धुनिया, रुनकी,
बबलू, कप्पू दौड़ल सब क्यो.
गोल गोल घे'रि बानर के
चारू कात बैसि गेल सब क्यों..
बानर संग बनरनी नाचै,
बच्चा सब कय रहल किलोल.
थोपड़ी पीट पीट क' सब क्यो,
कूदय भ' आनंद बिभोर..
आब विदा सासुर भेल बानर,
घोघ बनरनी चट ल' लेल.
बानर किछु क'ह' चाहै त'
बनरी रूसि दूर चलि गेल..
बानर बौंस' चाहै जं जं,
त' त' बनरी बेसी रूसल.
साड़ी रुपया जखन गछलकै
तखन कोनहुना बनरी बौंसल..

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