बरखा आयल बरखा आयल,
गर्मी देखू दूर पड़ायल।
खुश भय मीठी कयलनि छप-छप
जीव-जंतु के मोन हर्षायल।।
गर्मी देखू दूर पड़ायल।
खुश भय मीठी कयलनि छप-छप
जीव-जंतु के मोन हर्षायल।।
जंगल मे सब जीव जुटल अछि,
नाचू सब क्यो, मोर कहै छथि।
मुदा घ'र मे घुसला सबक्यो,
मोर-मोरनी नाच करै छथि।।
नाचू सब क्यो, मोर कहै छथि।
मुदा घ'र मे घुसला सबक्यो,
मोर-मोरनी नाच करै छथि।।
सब जल जीव खुसी स' नाचथि,
कृषक बंधु के लौटल प्राण।
ह'र-बड़द संग खेत पड़ेला,
जन-बनिहारक पलटल जान।।
कृषक बंधु के लौटल प्राण।
ह'र-बड़द संग खेत पड़ेला,
जन-बनिहारक पलटल जान।।
टर टर टर टर बेंग करै अछि,
झिंगुर बाजय झनझनझनझन।
ढन ढन मेघ करै अछि भरिदिन
गिरहतनी के मोन भेल खनखन।।
झिंगुर बाजय झनझनझनझन।
ढन ढन मेघ करै अछि भरिदिन
गिरहतनी के मोन भेल खनखन।।
धान उपजतै भाग पलटतै,
हरबाहक मोन भे'लै हलहल।
बच्चा सब के भाते भेटतै,
नाचै गाबै हंसलै खलखल।।
हरबाहक मोन भे'लै हलहल।
बच्चा सब के भाते भेटतै,
नाचै गाबै हंसलै खलखल।।
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