कियो लौटा दै हौ हमर
पुरना गाम, वेद धुनि गुंजित जहँ भोर-साँझ हरिनाम I गढ़ संस्कृतक विख्यात परोपट्टा मे,
यग्य-जाप-पाठ-पूजा होइ छल अष्टयाम II
यग्य-जाप-पाठ-पूजा होइ छल अष्टयाम II
अन्हरोखे तीन बजे नहाय लेल पोखरि मे, वैदिक
जी आबथि त’ हमहूँ सब ऊठि जाइ I नित्य
क्रिया जल्दी क’ डिबिया जराबी झट, पुस्तक
आ कापी ल’ पड़हक लेल बैसि जाइ II
भोरुका पहर मे जोर स’
स’ पढिअइ त’, टोलभरिक छौंड़ा सब सेहो ऊठि जाइत छल I सबहक़ दरबज्जा पर लाालटेम जरैत छलैक, बच्चाक मधुर धुनि स’ गाम गुंजाइत छल II
ओमहर पछबारि भाग बूढ़ सब जगला त’, भोरुका पराती स' युवक सबहक निन्न टुुटल I युवक महिसबार सब दौड़ल खरहोरि दिस, माथ
पर घैल संग नारिक यूथ कूप जुटल II
बटुकगण विद्यालय मे
भोरे भोर स्नान क’ क', वेदपाठ-सस्वर सब उच्चस्वर मे करै छल I लोक सब रस्ता पर सुनबा लेल ठाढ़ छथि,
भोरुका अइ दृश्यक के वर्णन क’ सकै छल II
भोरुका अइ दृश्यक के वर्णन क’ सकै छल II
दिन भरि विद्यालय मे गुरूजी पढ़बै छथि, उद्भट
विद्वान् सब यूथक यूथ आबै छल I गुरुजीक सेवे मे मेवा सब
पाबि रहल, हंसी
खेल करिते सब विद्या के लाभै छल II
बेरखन लोक सब जूटल विद्यालय
पर, गुरूजी लग
शास्त्र चर्चा विद्वद्गण क’ रहल I फिल्ड मे बच्चा सब रमल अछि गेंद मे, कृषकगण के ग्रुप
मे कृषि चर्चा भ’ रहल II
साँँझखन क’ खेतिहर सब जुटला चौपाड़ि पर, घंटा दू घंटा धरि
कीर्तन अछि भ’ रहल I
छात्र
दरबज्जा पर पुस्तक आ कापी लय, टास्क इस्कूलक तैयारी सब क’ रहल II
झंझट भेल कोनो त’
बाबा दरबज्जा पर, गाम भरिक लोक बैसि निर्णय करैत छल I क्षण मे समाधान भेल जाउ सब निश्चिन्त रहू , केस आ मोकदमा के क्यो नामो ने सुनैत छल II
शान्ति आ प्रेमक सन्देश पसरय चारूदिस,
परोपट्टा मे गाम केर डंका बजैत छल I
बाट आ बटोही जे गुजरय अहि गाम द’ क’,
‘कर’ स’ निज ‘ मौलि ’ छूक' चर्चा करैत छल I ...................................चर्चा करैत छल II
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परोपट्टा मे गाम केर डंका बजैत छल I
बाट आ बटोही जे गुजरय अहि गाम द’ क’,
‘कर’ स’ निज ‘ मौलि ’ छूक' चर्चा करैत छल I ...................................चर्चा करैत छल II
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