धोती-कुरता-टोपी
धारी भालू मीठिक घर आयल I
रूप ओकर छै कारी धुद्धुर, स्वेत वस्त्र सुन्दर लागल II
भालू लग मे दौडै
जखने,
बच्चा सब झटपट भागै I नाच ओकर अलबेला
छम-छम , मनभावन
सबके लागै II
घर मे छन्हि नकली
भालू पर,
तैयो ओ भयभीत रहै छथि I आइ
पडल पाला असली स’, दादा पाछू नुका रहल छथि II
नाच ख़तम क’ थारी ल’ क’,
सबस’
पैसा मांगि रहल अछि I मीठी सेहो
देलनि पैसा, मुदा
ने तैयो मानि रहल अछि II
कतबो भगवथि मुदा ने
मानल, भोज
बिना खेने नै जेतैन I रसगुल्ला,
लड्डू आ पेडा, आइ एतय सबटा खेतैन II
रीछ-भालु के जुनि
क्यो मारी, छथि ई संग
त’ हैब सफल I हिनके सबहक बलपर रघुबर, रावण पर जय पाबि सकल II
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