परी एकटा घर मे एली,
पुलकित सबहक मोन के केली।
पाथड़ परहक़ दूभि जनमली
दादा-दादिक मोन हरषेली।।
मीठी रानी की की लेब
जे माँगब से सबटा देब।
हाथी घोड़ा ऊँट बछेड़ा
साइकिल मोटर सेहो देब।
पोती हम्मर राजदुलारी
दादा-दादी के अति प्यारी।
जै दिन स' घर मे एली ई
हंसी-खुसिक सागर लेली ई।।
पढ़ती लिखती नाम कमेती
दादा दादिक सान बढ़ेती।
पापा मम्मी के ई जान
खूब बढ़ेती कुल के नाम।।
बड़ पापा के आँखिक पुतली
बड़ मम्मी छिड़कइ छनि जान।
चाचू भरिदिन नाम रटै छनि
दादा के ई जीवन प्रान।।
पलक ओछौने नानी हिनकर
मौसी हरदम नाम जपै छनि।
मीठी मीठी सदिखन रटिते
दादी हिनकर बाट तकै छनि।।
जल्दी पटना आउ ने
हलुआ पूरी खाउ ने।
रुनकी झुनकी कूदू फानू
घर मे सुख बरसाउ ने।।
पुलकित सबहक मोन के केली।
पाथड़ परहक़ दूभि जनमली
दादा-दादिक मोन हरषेली।।
मीठी रानी की की लेब
जे माँगब से सबटा देब।
हाथी घोड़ा ऊँट बछेड़ा
साइकिल मोटर सेहो देब।
पोती हम्मर राजदुलारी
दादा-दादी के अति प्यारी।
जै दिन स' घर मे एली ई
हंसी-खुसिक सागर लेली ई।।
पढ़ती लिखती नाम कमेती
दादा दादिक सान बढ़ेती।
पापा मम्मी के ई जान
खूब बढ़ेती कुल के नाम।।
बड़ पापा के आँखिक पुतली
बड़ मम्मी छिड़कइ छनि जान।
चाचू भरिदिन नाम रटै छनि
दादा के ई जीवन प्रान।।
पलक ओछौने नानी हिनकर
मौसी हरदम नाम जपै छनि।
मीठी मीठी सदिखन रटिते
दादी हिनकर बाट तकै छनि।।
जल्दी पटना आउ ने
हलुआ पूरी खाउ ने।
रुनकी झुनकी कूदू फानू
घर मे सुख बरसाउ ने।।
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