मोन होइ अछि झड़ना
पहाड़ पर घुमि-फिरि अवितौं, नदी-समुद्रक
दर्शन सदिखन करिते रहितौं I पोखरि
लग मे जाय माछ के मुरही दैतौं, पार्क महक चिड़िया-चुनमुन के अन्न
खुअवितौं I जाय प्रयागक संगम मे डुबकी
द’ अबितौं, वृन्दावन मे जाय बिहारिक दर्शन करितौं II
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