अशुभ कर्मक फ’ल ने
तत्काल भेटय,
बीज ने तुरते जनमि
तरुवर बनय I
कृत कुकर्मो
काल-क्रम में जखन पाकय,
पापकर्ता संग अर्जित
धनहुं नाशय II
अधर्मी पहिले बढ़य,
फूलय-फलय,
खूब वैभवयुक्त भए
रिपु के जितय I
मुदा कृत अपकर्म जइखन
फलित होबय,
जडि सहित अपकर्मकर्ता
नाश होबय II
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