Sunday, July 9, 2023

अवज्ञा नै करी ककरो

अपने जिनक स्वागत करब, से घुरिक' अयता फेरसँ । उपेक्षा जिनकर करब, से घुरि ने अयता फेरसँ ।। घुरि ने अयता फेरसँ,तएँ- अवज्ञा नै करी ककरो । अनेरे आयल करत से, कहाँ फुरसति छैक ककरो ।। आबिक' हरि घुरि जेता, नै जानि केहनो भेष धयने । घुरि ने अयता फेर सँ ओ, लाख पटकब माथ अपने ।। ***************!!!!!!!!***********??

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