Friday, July 21, 2023

दूसी जुनि परिवेशके

परिवेशके जुनि दूसी , चुनलहुँ अपने गेह । पूर्वजन्म के वासने, भेटल सबके देह ।। भेटल सबके देह, यैह सबसँ अनुकूले । कोसि-कोसि निज भाग, सोचथि सब प्रतिकूले ।। सबसँ उत्तम देह कुल ग्राम संग ई देश । उज्ज्वल-उत्तम भविष बनाबी दूसी जुनि परिवेशके ।। **************************

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