Monday, July 10, 2023

अज्ञता

अज्ञता अछि विपत्तिक जड़ि, अहंता जड़िसँ नशाबय । ज्ञान सबसँ पैघ नौका, पार भवसागर लगाबय ।। पार भवसागर लगाबय, वित्त क्षय किछु ने बिगाड़य । चरित्रक बल उन्नतिक जड़ि, आत्मबल सभतरि उबाड़य ।। गुरु थिका निज आतमा आ मौन थिक सद्शिष्यता । मोन आत्मविलीन होइतहिं, पड़ायत सब अज्ञता ।। ***************************

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