Saturday, July 8, 2023

जे जैह रोपत सैह काटत ।

जायत ने संगमे कथू, जे जैह रोपत सैह काटत । स्वयं भोग' पड़य सब किछु, आन नहि क्यो दुक्ख बाँटत ।। आन नहि क्यो दुक्ख बाँटत, दर्द अनकर बाँटि ली । चारि दिवसक जिंदगी अछि, हँसि-खेलाक' काटि ली ।। यैह गिट्ठ' बान्हि ली जे, भलाकर्ता भला पायत । एक नेकी छोड़िक', संगमे ने कथू जायत ।। ************************************

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