ईशे बेड़ा पार करता,
आश हुनके पर धरू ।
जे स्वयं भयभीत अछि,
तकरा भरोसे नहि रहू ।।
तकरा भरोसे नहि रहू,
नै जानि आफत कखन आयत ।
बहन्ना ध' देत गच्चा,
बेर पर नहि काज आयत ।।
रहय पापी सब डेराकय,
देखि रहला सबटा ईशे ।
संत के नै भय कनिकबो,
करता बेड़ा पार ईशे ।।
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