Saturday, July 22, 2023

जड़ि

करय जग मे नाम से जे, कसिक' जड़ि धेने रहय । डीह-डाबर के ने बिसरय, चाकरी कत्तहु करय ।। चाकरी कत्तहु करय, निर्भय रहय मजगूत जड़िजँ । डाइर-पल्लब-फूल-फल, सब पुष्ट हो मजगूत जड़िसँ ।। जकर जड़ि हो गहींर जतबे, से तते ऊपर बढ़य । घात अन्हर-बिहाड़िक, पाथरो किछु ने करय ।। ************************

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