Sunday, August 20, 2023

भेटल कर अछि दान करक लेल

भेटल कर अछि दान करक लेल, लेबक लेल अछि ज्ञान । लोभ मोह क्रोधे असली रिपु त्याग करू अभिमान ।। अपना पर बिसबास, ने आनक आश हो कहियो । मात्र निराशे होयब, पूर्ण ने काज हो कहियो ।। कत्तहु भेटत घिरना, कत्तहु वर्षा स्नेहक । सम भावे थिक उत्तम, ध्यान धरू जगदीशक ।। **************************

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