Saturday, August 12, 2023

विचारक सर्वोच्चता आ क्रियाके प्रतिबद्धता

सर्वोच्चता हो विचारक, क्रिया के प्रतिबद्धता । ततहिं हो श्री जय विभूति, सुनीतिक हो शास्वता ।। सुनीतिक हो शास्वता, हरिनाम पापक नाशकर्ता । स्मरण हर्षक प्रदाता, ओ थिका त्रय तापहर्ता ।। प्राप्ति हो सद्ज्ञान के, आ नष्ट हो सब अज्ञता । सकल संशय दूर हो, आ प्राप्त हो सर्वोच्चता ।। **********************

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