Thursday, March 11, 2021

सज्जनक संगति

 सज्जनक संगति सँ भेटय 

बस्तु बहुतो बिना मंगनहि,

वृक्ष फल सरिताक जल

भेटैछ सबके बिना मंगनहिं ।।

बर्फ शीतलता, सुवासित-

करथि पुष्पो ल'ग गेनहि ।

ऊष्णता पाबैछ तुरतहिं

वह्नि के क्यो ल'ग गेनहिं ।।

पाबि जायत ज्ञान सब क्यो

गुरुक लगमे बैसि गेनहिं ।

कृपा सब क्यो पाबि जायत

ईश के सन्निकट गेनहिं ।।

*********************

No comments:

Post a Comment