Thursday, March 11, 2021

दुखिया-सुखिया

 दुखिया-सुखिया दू बहिनी छलि,

भेट ने कहियो होइत छलनि ।

सुखिया भागथि जतय कतहु

दुखियाक आगमन होइत छलनि ।।

अनचोकेमे दुनू बहिनके

चौबटिया पर भेट भेलनि ।

मुदित मोन सँ कुशल-क्षेम दुहुँ,

एक-दोसरा सँ पूछि लेलनि ।।

"भाग तोहर बड़ पैघ भेटल छौ"-

बजली बहिनी सँ दुखिया-

"तोरा पाबक लेल लोक सब

सदिखन व्याकुल गे सुखिया ।।"

सुखिया बाजलि-"हम नै, तोहीं-

अतिशय भगवंती छैं जगमे ।

हमरा पबितहिं बिसरि जाइछ सब

प्रभु आ शुभचिंतक पलमे ।।

तों जै घरमे पैर रखै छैं

दैन्य जदपि तै ठाँ पसरय ।

मुदा ने कखनो लोक ओतय के

प्रभु आ अपना के बिसरय ।।"

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