Thursday, September 10, 2020

डॉ0 मुनीश्वर झा

 💐💐💐मिथिलाक प्रकाण्ड विद्वान डॉ0 मुनीश्वर झाक देहावसान,05.11.2019💐💐💐

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काल्हि गामक(करमौली, मधुबनी) पाठशाला पर संध्याकाल बैसल रही । हनुमानजीक बगल बला चबुतरा पर हम, ज्यो0 श्री भगीरथ झा, ज्यो0 श्री राघवेंद्र झा, पं0 सत्यनारायण झा, श्री देवनाथ ठाकुर, श्री रत्नेश्वर जी, श्री दयानन्दजी, श्री महेंद्र, श्री भोलूजी... सब कियो आध्यात्मिक चर्चा मे लागल रही कि देवन काका बजलाह जे जयराम जी कहलाह अछि जे काल्हि (05.11.19)डॉ0 मुनीश्वर झा प्रस्थान क' गेलाह । फेर हमर छोटका समधि (हुनका ससुरक भातिज) सेहो ऐ बातक पुष्टि केलाह । कने कालक बाद हमर ज्येष्ठ पुत्र नीलूजी सेहो फोन क' क' ई दुःखद खबरि सुनौलाह । सब कियो सन्न रहि गेलहुँ । बुझायल जे करमौली भवनक बिचला खाम्ह आइ ध्वस्त भ' गेल । 

पोरकें साल सँ बेमार चलि रहल छलाह । 

अप्रैल '18 मे पारस अस्पताल, पटना मे भरती छलाह । देख' गेल रहियनि तँ बहुत गप्प-सप्प भेल छल । एते जल्दी प्रस्थान क' गेलाह से कनेकबो बिसवास नै भ' रहल अछि, मुदा ईश्वरक विधानक आगाँ ककरो नहिं चलैछ, जे जन्म लेने छथि हुनका एकदिन प्रस्थान करहे के छन्हि । परलोक प्रस्थानक काल ओ लगभग 96 बर्खक छलाह ।


डॉ0 मुनीश्वर झा विद्वत्ता मे मिथिलांचल/बिहार आ देश मे प्रथम पांक्तेय छलाह । हिनक जन्मस्थान करमौली ( कलुआही, मधुबनी ) छन्हि जे सौभाग्य स' हमरो जन्मस्थली छथि । ई संस्कृत, अंग्रेजी, मैथिली, हिंदी..आदि भाषाक प्रकांड विद्वान् छलाह । उपर्युक्त सब विषय मे स्नातकोत्तर परीक्षा मे प्रथम श्रेणी मे प्रथम स्थान प्राप्त केने छलाह ।

पेरिस विश्वविद्यालय सँ भाषा विज्ञान मे डी0 लिट्0 केने छलाह । भागलपुर विश्वविद्यालयक संस्कृत विभागाध्यक्ष, पश्चिम बंगाल सरकारक लोक शिक्षा निदेशक एवं शिक्षा सचिव, का0 सिं0 दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति... आदि पद के सुशोभित क' चुकल छलाह । अगणित ग्रंथक रचना क' अपन लेखनकला स' माँ शारदाक अराधना खूब केने छलाह । हिनक पुस्तक सबके पढ़ला उपरांत हिनक गहन अध्ययन,चिन्तन आ अद्वितीय विद्वत्ताक बोध होइछ । ऐ अप्रतिम महा यसस्वी पुत्ररत्न के पाबि करमौली गाम धन्य भ' गेल ।


करमौली गामक प्रकाण्ड विद्वान पंडित राजकुमार झाक पाँच पुत्र मे ई सबसँ छोट छलाह । हिनकर ज्येष्ठ भ्राता स्व0 पण्डित ताराकान्त झा, स्व0 पं0 मधुकांत झा सब सेहो प्रकाण्ड विद्वान छलाह आ इलाका मे नामी छलाह । पं0 ताराकान्त झाक समक्ष तँ साधारण पण्डित सबहक बकार बन्द भ' जाइत छलनि ।

डा0 झा अपन पूर्व जन्मार्जित ज्ञान, पैतृक विरासत आ ऐ जन्मक कठोर साधनाक बल पर लीजेंडक श्रेणी मे आबि गेलाह । ओ पौरस्त्य आ पाश्चात्य, प्राचीन आ अर्वाचीन दुनू विधाक पारंगत छलाह ।


नामक अनुरूप मुनि स्वभाव, मितभाषी, अति सौम्य स्वभाव, हरदम अध्ययन-चिन्तन-मनन मे तल्लीन, सत्यवादी, ईमानदार, परम जिज्ञासु डॉ0 झा जखन गाम अबैत छलाह तँ सबहक हाल-चाल जरूर पुछैत छलाह । हुनका प्रति श्रद्धा राख'बला लोक सब हुनक दर्शनार्थ तुरत जुटि जाइत छलाह ।

तते सहज सरल आ नम्र जे पिताजी कहैत छलाह जे एक दिन बाध मे भेटि गेलाह तँ हमरा माथ परहक बोझ जबर्दस्ती अपना माथ पर ल' लेलाह । हाट पर किछु तरकारी वा अन्य वस्तु कीनैत छलाह तँ समांग आ परम मित्र पं0 बुद्धी बाबू आ ओ दुनू पकड़ने-पकड़ने घर तक जाइत छलाह ।


किछु बर्ख पूर्व हम, मंगनजी आ स्व0 आनन्द मास्टर साहब हुनकर आगमन सुनि हुनका दरबज्जा पर गेल छलहुँ । ओ कोनो पुस्तक लीखि रहल छलाह । एकसरे छलाह, बहुत काल गप्प भेलाक बाद चारू गोटे आनन्द सरक आग्रह पर हुनका दरबज्जा पर चाह पीबाक निमित्ते पहुँचलहुँ । ओ चाह-पानक बड्ड शौकीन छलाह । चाह-पान होइत रहलैक आ बहुत रास गप्प-सप्प सेहो चलैत रहलैक । हम पूछि देलियनि-" सर, अपनेक मुख सँ किछु आत्मबोध सुनबाक इच्छा भ' रहल अछि" । ओ शिव-मानस पूजाक एकटा श्लोक "आत्मा त्वं गिरिजा मतिः ....शम्भो तवाराधनम्" सुना देलाह । ज्ञानक आदि देवक प्रति हुनक समर्पण देखि ग्यानार्जनक हुनक रहस्यक पता चलि गेल । करीब दू घंटा हमसब गप्प करैत रहलहुँ, ततेक आनंदमग्न छलहुँ जे समय कोना बीतल पतो नहिं चलल । बूझि पड़ैछ जे काल्हुक बात होइक । उठैत काल प्रणाम केलियनि तँ माथ ठोकि बहुत आशीष दैत बजलाह-" जुग-जुग जीबू, खूब पढू, गामक नाम रौशन करू । बहुत दिनक बाद अहाँ सबसँ गप्प क' क' गाम पर एतेक आनंद आयल" । 


2016 के दिसम्बर मास मे अपन सबसँ छोट पुत्र आयु0 विमलजीक वियाहक अवसर पर कार्ड देब' गेल छलियनि, बहुत प्रसन्न भेलाह, सबटा घर घुमाक' माता-पिताक फोटो देखाक' कहलाह-" बौआ! एखन हमर पूजा-पाठ एतबे होइछ जे भोरे उठिक' माता-पिता के पुष्पांजलि अर्पण करैत छी" । जे माता-पिताक आशीर्वाद प्राप्त करैत रहत ओकरा अनायासे सब ज्ञान प्राप्त भ' जाइछ, माता-पिता प्रथम गुरु छथि ।


चाह पी क' विदा भेलहुँ तँ अपन लिखल दू गोट पुस्तक हस्ताक्षर क' क' देलथि जे आजीवन हुनक स्मरण दिय'बैत रहत । ओतेक वृद्ध रहितो, खान-पान मे अत्यन्त परहेज रखितो, वियाह दिन वर-वधू के आशीष देबाक लेल हुनकर उपस्थिति सँ कृतार्थ भ' गेलहुँ । आशीष मे किछु द्रव्यक संग एकटा पुस्तक सेहो देलखिन्ह । अतिथिगृह मे किछु विशिष्ट बरियाती सब कुर्सी पर बैसल छलाह आ ग्रामीण सब दरी-चद्दरि-मसलंग पर छलाह । कुर्सी पर नहिं बैसि ग्रामीण सबहक बीच मे जाक' बैसलाह आ सबसँ खूब गप्प-सप्प केलाह । हुनकर ई व्यवहार ग्रामीण माटि-पानि सँ जुड़ल रहबाक,गाम आ गामक लोक सबहक प्रति अनन्य प्रेमक अन्यतम निदर्शन थिक ।


ओ माता-पिता धन्य छथि जिनका कोखि मे एहन यसस्वी पुत्रक आगमन भेल आ गाम, प्रान्त आ देश के गौरवान्वित केलक । हुनक क्षतिपूर्ति असम्भव अछि ।


हुनका परिवार मे पत्नी, दू पुत्र आ दू पुत्री छथिन्ह । ज्येष्ठ पुत्र कोलकाता मे डाक्टर, छोट इंजीनियर आ दुनू पुत्री सेहो विद्वान छथिन्ह । जेठका जमाय NMCH, पटना मे नामी डाक्टर छथिन्ह । छोटका पुत्र श्री राजकमल झा आइ.आइ.टी. खरगपुर सँ यांत्रिक अभियन्त्रण क' क' अमेरिका सँ पत्रकारिता मे डिग्री लेने छथिन्ह आ सम्प्रति इंडियन एक्सप्रेस के संपादक-प्रमुख छथिन्ह आ बहुत रास नीक-नीक पुस्तक लीखि रहल छथिन्ह, किछु पुस्तक पर नीक-नीक पुरस्कार सेहो (बुकर एवॉर्ड लेल चयनित) भेटल छन्हि ।


भगवान सँ प्रार्थना जे डॉक्टर झाक आत्मा के शांति प्रदान करथु आ परिवारक सदस्य सबके धैर्य धारण करबाक शक्ति देथु ।

💐💐💐💐हार्दिक अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि!!!!💐💐💐💐

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