Saturday, February 3, 2024

एकटा रोचक कुश्ती प्रतियोगिता

कपरिया मिडिल इस्कूलमे पड़हैत कालक ई घटना थिक । तै समयमे हम छट्ठामे छलहुँ । स्व0 यमुना प्रसाद सिंह प्रधानाध्यापक छलाह । सहायक शिक्षकमे स्व0 घूरन बाबू, स्व0 रामस्वार्थ बाबू, स्व0 भगलू बाबू, मौलबी साहब(नाम नै याद अछि) ... आदि छलाह । यदा-कदा नव शिक्षक सब सेहो पढाब' आबि जाइत छलाह । यमुनाबाबू मिडिले इस्कूलके कैम्पसमे नवका उच्च विद्यालय शुरू कएने छलाह तएँ नव-नव शिक्षक खूब अबैत छलाह । सब शिक्षक के पढाबक लेल मिडिल इस्कूलमे सेहो पठबैत छलथिन्ह । एकसँ एक नीक शिक्षक अयलाह मुदा बेसी दिन नै टीकि सकलाह, दरमाहा नाम मात्र देल जाइत छलन्हि । मुदा हमरा सबके बड्ड लाभ भेल । विद्वान शिक्षक सबसँ पढ़बाक सुअवसर प्राप्त भेल । स्व0 राजकर्ण बाबू, अभिमन्यु बाबू, राजेन्द्र बाबू, प्रताप बाबू... आदि मेधावी आ प्रकांड विद्वान शिक्षक सब बहुत किछु सिखौलनि । एक दिन कुश्ती प्रतियोगिता राखल गेलैक । गामसँ कपरिया जाइत काल भलनीमे एकटा बाबाजी भेटलाह । ओ सबके मनोकामना पूर्तीक मंत्र दैत छलथिन्ह । हमहूँ कहलियन्हि जे आइ कुश्ती लड़क अछि, कोनो मंत्र दिय' । ओ कहलाह जे अहाँ ईशान कोनमे नैऋत्य कोन दिस मुँह क' क' ठाढ़ भ' क' हनुमानजीके ध्यान क' क' कुश्ती लड़ब शुरू करब तँ निश्चय विजय भेटत । इस्कूलमे जखन कुश्ती प्रतियोगिता शुरू भेलैक तँ हमर नाम नै छल । हमरो लड़बाक मोन नै छल आ शिक्षको सब हमरा नै लड़ाब' चाहैत छलाह । एकर कारण ई छल जे हम मेधावी छात्र छलहुँ, फस्ट सेहो करैत छलहुँ मुदा दुब्बर-पातर छलहुँ; कुस्ती लड़ब भुसकौल आ मोट-सोंट सबहक काज मानल जाइत छलैक । करमौलीक मेधानन्द नामक एकटा छात्र हमरे सँ लड़बाक जिद्द क' देलक । हम जँ जँ नै-नै कहियैक ओ तँ तँ जोड़सँ टाल ठोकब शुरू कएलक । आब शिक्षको सब कह' लगलाह आ हमरो नै नै करैत तैयार होम' पड़ल । हम साधुक बात याद क' क' ईशान कोनमे ठाढ़ भ' लड़ब शुरू केलहुँ । कुश्ती प्रारम्भ आ समाप्तिमे मात्र पाँच-दस सेकेंडक अंतर कहक चाही । कियो दखलकैक, कियो नहियों देखलकैक । पता नै हनुमानजी की क' देलथिन्ह! हाथ मिलाबैत देरी छिटकी मारलिऐक से चारूनाल चित्ते खसलैक । ओकर दहिना हाथ टूटि गेलैक आ ओ चिचियाय लागल । ई स्थिति भ' गेलैक जे ओकरा टांगिक' लाब' पड़लैक । एक मास तक खट्टरि हलुआइन ससारिक' हाथ ठीक केलकैक । संभवतः एखनो टेढ़े हेतैक । तकर बादसँ ओ हमरा सँ कुस्ती लड़बाक फेर नाम नै लेलक । आइ एसगर दरबज्जा पर बैसल छी तँ ओ घटना याद पड़ि गेल आ मोन भेल जे अपनो लोकनिकें बाल्यकालक ई रोचक घटना सुना दी । ऐ घटनाक चर्च जखन मेधानन्दक समक्ष एखनो होइत छैक तँ ओकरा खूब हँस्सी लागि जाइत छैक । **************************************

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