Monday, February 12, 2024
जोगाड़
आइ दू नवयुवती पुतहु के आपस मे गप्प करैत सुनि खूब हँसी लागल ।
एक- ' हम ओकरा कहि देलियैक जे चाहे ऐ घर मे तोहर बाप रहतौ वा हम । '
दोसर- ' अहाँक घरबला की कहलक? '
पहिल- ' जानू! इस घर में केवल तुम रहोगी, बूढ़ा चुपचाप गाँव जाएगा । अगर कुछ भी बोला तो 25 जूता मारूँगा । '
दोसर -' हमरो बुढ़िया पेर क' छोड़ि देलक । ई दिय', ओ दिय', चाह दिय', हॉर्लिक्स दिय'..... ।
पहिल- ' त' की केलिऐ? '
दोसर- ' ओकरे ल'ग मे सब चीज राखि देलिऐक । भोर स' साँझ तक अपस्याँत रहै छलौं । गिलास लाउ, पानि गरम करू, हॉर्लिक्स खसाउ, फेर घोरू...। आब जखन मोन हेतै, पानि गरम क' लेत आ चम्मच स' टन, टन, टन.... क' क' घोरि क' पी लेत ।'
पहिल- ' बाह! नीक बुइध लगेलौं, आब अपने गाम भागि जैत । हमहूँ किछु एहने जोगाड़ लगबै छी ।'
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