Monday, February 19, 2024

मात-पित

मात-पित छथि तीर्थराजे व्यर्थ जुनि बौखल करू । हुनक पूजन आर सेवा अहर्निश लागल रहू ।। घुमि रहल अछि तीर्थमे पर मोन अन्यत्रे घुमै छै । घरेमे सब तीर्थ रहितो व्यर्थ श्रम खर्चा करै छै ।। थिका सज्जन तीर्थ सद्यः दर्शने सँ पुण्य भेटय । तीर्थ के फलमे हो देरी सज्जनक फल तुरत भेटय ।। ****************************

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