बोल कोइली केर होमय
सकल पक्षी मध्य सुंदर,
रूप जँ कारी ने होइतय
तखन होइतय आर उत्तम ।
उदधि छथि आश्रय सगर
जलजीव के संसार मे,
जँ ने खारा अम्बु होइतय
तखन होइतय आर उत्तम ।
अति सुगन्धित होइत अछि
सबटा गुलाबक फूल जगमे,
काँट जँ बिल्कुल ने होइतय
तखन होइतय आर उत्तम ।
मनुख थिक गुण-खान
राजा जीवगणके ऐ जगत मे,
जँ ने अनकर दोख देखितय
तखन होइतय आर उत्तम ।
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