जरूरी नै सतत पूजे-
पाठमे लागल रही ।
रही जँ उपकार रत तँ
सैह पूजा-पाठ थिक ।।
सतत चिन्तन भूत वा ने
भविष्येमे रही लागल ।
वर्तमानेमे रही जँ तँ
सैह सबसँ नीक थिक ।।
जुनि बुझी अन्हर-बिहाड़िक
कुप्रभावे हो सतत ।
सतर्को राखैछ सबके,
मार्गके साफो करय ।।
विफलता सँ जुनि कनिकबो
निराशाके भाव आबय ।
"आर कसगर प्रयासक अछि
जरूरति" हो सोच मनमे ।।
जुनि करी अनकर प्रतीक्षा
अपन पैरुख तक लड़ी ।
हृदयमे धरि ईशके, भिड़ने
सफलता भेटय निश्चय ।।
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