Kamalji
Saturday, December 30, 2023
सब निषेधक बाद जे अछि सएह ब्रह्म
ब्रह्म नै छथि सुर-असुर, ने- मनुज-तिर्यक योनि ओ छथि । ओ ने नर-नारी-नपुंसक, वा ने-आने जीव ओ छथि । ओ ने गुण वा कर्म, कारण- कार्य ने किछुओ थिका ओ । शेष सब किछु निषेधक- बादे जे बाँचय, से थिका ओ ।।
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