Friday, December 29, 2023

अहं तजि विज्ञता बढ़ाबी

अपन परिचय दैछ कर्मे, बाजि नहि मिट्ठू कहाबी । मात्र एतबे ध्यान राखी नीक कर्में जश बढ़ाबी ।। नीक कर्में जश बढाबी, वित्त यौवन होइछ चञ्चल । शुभे कर्में कएल अर्जित, कीर्तिए टा हो अचञ्चल ।। अज्ञता तजि ज्ञान बढबी, भेटय सुअवसर जखन । अहंता तजि नम्रता सँ विज्ञता बढबी अपन ।। *******************

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