Friday, December 22, 2023

प्रलयकाल जनु आबि रहल अछि ।

किछुदिन पहिने गामक लोकक शहरे दिस पड़ाहि लागल छल, मृगतृष्णा मे भटकैत जन कें ब्याधि नगर के चाभि रहल अछि, ब्याधि नगर के.........। सब कियो बसता जा गामे मे बाहर मे जिनगी छनि दुर्लभ, जेना जहाजक पंछी उड़िक' पुनि जहाज पर आबि रहल अछि, पुनि जहाज ........। भेल नदी-नाला सब दूषित भू-गर्भी जल सेहो प्रदूषित, गंदे जल के पीबि-पीबि सब खूब रोग के लाबि रहल अछि, खूब रोग........ । गर्दे-धूएँ वायु भरल अछि स्वांस लेब सेहो ने सरल अछि खाँसि-खाँसिक' ब्याकुल अछि सब मृत्यु-राग सब गाबि रहल अछि, मृत्यु राग .......। गाछ-बिरिछ सबटा कटि गे'लै आक्सीजन दुर्लभ भ' गे'लै, धूआँ-धुक्कुर भरल शहर मे गामे दिस सब भागि रहल अछि, गामे दिस.........। मच्छर के सम्राज पसरलै कालाज्वर डेंगू भरि गे'लै, नित-नित नव-नव रोग सुनै छी बूढ़-युवो के मारि रहल अछि, बूढ़ युवो ...........। हरियर सब्जी कोना क' खायब खाक' निरुज कोना रहि पायब, कीटनाशकें भरल-पड़ल सब सबहक मुख के जाबि रहल अछि, सबहक मुख.......... । पर्यावरण असंतुल भए गेल बर्फ पघिल क' बाढ़ि आबि गेल, पठा सुनामी, भुवकम्पहुँ के काल गाल मे दाबि रहल अछि, काल गाल .........। जल दूषित पवनो भेल दूषित खाद-पदार्थो भेल प्रदूषित, प्राण कोना कँ बाँचत लोकक प्रलयकाल जनु आबि रहल अछि, प्रलयकाल जनु.......।। *****************************

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