Friday, April 16, 2010

पुत्र के नाम पिता का पत्र


चिरंजीवी बौआ, शुभाशीष। हाल समाचार की कहू, आहाँ सबटा जनिते छी। अहि बेरुक रौदी जिनगी में नहीं देखने छलिऐक। एको चुटकी धानक उमेद नहीं अछि। भदई, रब्बी त' चौपट्टे बूझू। रामू के इस्कूलक फीस जमा नहीं भ' सकलै, गीता के कपड़ा फाटल छै। आहाँक माय एकता सारी के फेरिक' काज चलबैत छथि। मुदा अहाँ चिंता नहि करब।  भगवान सबटा  पार लगा देथिन। दुल्चन अपना  बेटा के पढ़ाई लिखाई पर एको पाई नहि  खर्च केलक। बेटा भागिक' गेलै शहर,  आ कमाक' बुर्ज क' देलकै। सुनै छियै  जे ओ डेली एक हजार कमाइ छै। नकुल  के बेटा नाम कमेने छै।लटगेना के कारबार क' क' दुमहला ठाढ़ क' देलकै। मायानाथ आ ओकर दूनू बेटा दोकान खोलिक' पाइक अम्बार लगा देलकै। गाम अबैत जाइत छै त' लील टीनोपाल देल ब्रासलेट धोती, चूड़ीदार कुरता, कान्ही छटायल केश स' टप-टप चुबैत गमकौआआ chubतेल आ कांख में रेडियो पर क्रिकेट के कमेन्ट्री सुनैत धरती हिलाबैत चलैत छै। आँहाँ के  एम. ए. तक पढेलहुँ-लिखेलहुँ, सब ब्यर्थ गेल । बेकार में जमीनो सबटा बिका गेल। अहि स' बढ़ियाँ त' अहाँ मूर्खे रहितहुँ  आ पंजाब जा क' कोनो नोकरी चाकरी करितहुँ। आब त' खेतो नहीं अछि जे बेचिक' छोटका के पढेबै-लिखेबै। कन्यादान त' पहाडे अछि। अबूह अथाह मे छी। padal chhee. पूरा गामक लोक कुम्भ स्नान कर' गेल मुदा paisa ke chalte ham doonoo gote nahi gelahun। इलाका में क्यों नहीं chhutal hait. आब ai जिनगी में फेर ई muhoorta nahin aayat।sochai chhee छोटका के पंजाब pathaa diyai.Jaih किछु कमा let.हम सब kahunaa क' गुजर kay लेब। मुदा aahan चिंता nahi करब, बिलकुल चिंता नहीं करब। --shubhekshu Shobhaakant.

No comments:

Post a Comment