Wednesday, May 24, 2023

नीकके नीके भेटय

भेटय तिनका फलो तेहने जनिक कृत जेहने रहय । नीकके नीके भेटय, अधलाह खधियामे खसय ।। शुक्रिया तिनकर जे गढ़लनि पुष्प-काँटे अहँक जिनगी । नीक वा अधलाह खट-मिठ, सुदृढ़ कएलनि अहँक जिनगी ।। रहय मम आचार उत्तम सात्विके सुविचार हो । भरल हो उत्साह चितमे लेश नै कुविचार हो । सतत अपने त्रूटि देखी, मधुरवाणी सतत भाखी । आनके नै दोख देखी, आस ककरो सँ ने राखी ।।

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