Tuesday, June 14, 2022

संघर्ष

जै जिनगीमे रौद-घाम नै, से भ' जाइछ छहरियालप्पा । बिना चुनौतीके जिनगी तँ ठहरल पानि-थालके खत्ता ।। ठहरल पानि-थालके खत्ता, कीड़ा-साँप-जोंकके डबरा । ने पीबा-स्नाने जोगड़क, भरिए देब नीक हो तकरा।। जे जिनगी संघर्ष बिना अछि, कनिको रस नै तै जिनगीमे । व्यर्थे बोझ देहकेर ऊघब, कोनो रस नै जै जिनगीमे ।। *****************************

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