Tuesday, June 14, 2022

संत :-

संत :- ********* सुभोजन तिनका कराबी, अहाँके जल जे पिऔलनि । दण्डवत तिनका करू जे अहाँ लग सिर के नमौलनि ।। एक पैसा जे कियो, खर्चा- केलनि कहियो अहँक लेल । मोह नै पैसाक राखी, सहस्रों खर्ची तिनक लेल ।। जे करथि उपकार, तिनका सौ गुना क' क' सधाबी । अहाँके जे करथि रक्षा, प्राण तिनका लए गमाबी ।। ई त' भेल व्यवहार जगतक, संत छथि अपवाद एकरो । जे करय अपकार हुनकर, ओ करथि उपकार तकरो ।। ****************************

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