Kamalji
Wednesday, May 28, 2025
मोह तजू
"मोह तजू अपनेकलेल नै, व्याकुल कियो रहैछ । कठिहारीसँ आबितहि, स्नान तिलांजलि दैछ ।। मुइला बाद अहाँके लखितहि, परिजन-पुरजन तुरत परायत । अहाँके देखब कियो ने चाहत, तन्त्र-मन्त्र क' तुरत भगायत ।।"
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