Monday, June 19, 2023

द्रष्टा बनि जीबी ऐ जगमे

जगमे जे क्यो जन्म लैत अछि, एक दिन होयत बूढ़ अबस्से । देह मनुक्खक व्याधिक मंदिर, एक दिन होयत मृत्यु अबस्से ।। एक दिन होयत मृत्यु अबस्से, भले नृपति वा रंक रहय क्यो । जनितो ऐ सत्यक रहस्य, नै- धरती पर स्वीकार करय क्यो ।। दुनियाँ अहिना चलत निरन्तर, अजर-अमर क्यो नहि ऐ जगमे । आयब-जायब लगले रहतै, द्रष्टा बनि जीबी ऐ जगमे ।। **************************

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