Tuesday, May 25, 2021

कोरोना दैत्य

 आब ककरो भेट करबाक 

कोनो जरूरति नहि,

दूरे सँ बन्धु-बाँधबक 

सब हालचाल  लैत रहू ।

जिनगी बचाबक अछि 

ऐ दुष्ट सँ महायुद्धमे,

गेहक सुदृढ़ किलामे रहि 

कोरोना दैत्य सँ बचैत रहू ।।


जे सब काल्हि तक हरदम 

पार्टीमे जुटैत छल,

आइ हमरा बेमार देखि 

दूरे-दूर भागि रहल ।

बूझि पड़ैछ अपनो लोक

दुश्मन बनि गेल अछि,

अन्तिमो समयमे हमरा सँ सब

कन्नी अछि काटि रहल ।।


एतबो निसोख नै भ' जाउ 

हे हमर मित्रगण!

अपने सुरक्षित रहि 

हित-अपेक्षितोक ध्यान रहय ।

प्रलयकाल निश्चय 

बीति जेबे करतैक एकदिन,

जँ बाँचि गेलहुँ तँ जाहिसँ 

आँखि ने चोराब' पड़य ।।


एक्केटा संदेश अछि 

दूरी के खियाल हो,

मास्क के हरदम 

लगाक' राखू सब ।

काढ़ा,भाफ,गाडगिल 

बचायत सबहक जान,

वैक्सीने पर पूर्ण आश 

लगाक' राखू सब ।। 

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