Monday, July 15, 2024

माया बनाम ज्ञान

"जे कियो मायाक पाछाँ रहत लागल, होइछ नै तकरासँ नमहर कियो पागल । आइ तक नै कियो ओकरा पकड़ि सकला, महा अज्ञानी थिका से नर अभागल ।। जे कियो पग सूर्य दिस प्रारंभ करता, रहत लागल तनिक पाछाँ छाँह हुनकर । होउ सब जिज्ञासु उन्मुख ज्ञान रवि दिस, स्वयं सुख-समृद्धि पाछाँ रहत तिनकर ।।" *************************

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