Wednesday, July 3, 2024

आत्म दर्शन

ताकै छी मस्जिद गुरुद्वारा मंदिर चर्चो आ जगभरिमे । अनगिन जीवक दिस ध्यान दियौ, भ' जायत दर्शन क्षणभरिमे ।। घिरनासँ घिरने भेटै छै, सेवासँ मेवा प्राप्त करब । जँ दया प्रेम बिलहब सगरो, सबहक हिरदयमे बास करब ।। सेवो नै पूजा हो सबहक, शिवरूप बूझि सबके अइठाँ । एक्के ईश्वर सबहक उरमे, तँ आन कियो नै अछि अइठाँ ।। जँ पूजो नै क' सकय कियो, चुपचाप स्वयंमे पैस जाउ । चितके थिर क' इंद्रिय समेटि, भए मौन हृदयमे बैस जाउ ।।

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