होइछ सत्यक मार्ग काँटक,
मुदा वैह अछि श्रेष्ठकर ।
असत् मायाजाल मिठगर,
होइछ अतिशय सुगमतर ।।
होइछ अतिशय सुगमतर,
मिट्ठेमे कीड़ा सब फड़य ।
मुदा नोनक ल'गमे ने,
कोनो कीड़ा सटि सकय ।।
बिपति कालोमे सुधीजन,
लेथि ने आश्रय असत्यक ।
कष्टकर अछि यदपि अतिशय,
विजय निश्चय होइछ सत्यक!!!
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