Monday, April 29, 2024
शान्त राखल करू चित ।
शांत राखल करू चित,
निर्णय ने धड़फड़ मे करू ।
जोड़ सँ चिचियाउ नहिं,
किछुओ ने हड़बड़ मे करू ।।
किछुओ ने हड़बड़ मे करू,
हल्ला सतत काजे बिगाड़त ।
धरू चुप्पी काज सम्हरत,
स्वास्थ्य के से'हो सुधारत ।।
दुख अहींके पड़त भोग',
चित्त जँ नै शांत राखल ।
सुख सेहो भेटत अहीं के,
चित्त के जँ शांत राखल ।।
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Saturday, April 20, 2024
प्रारब्ध
होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु,
ईशके छन्हि पता सबटा बात से ।
तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ,
करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।।
करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि,
मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर ।
मुदित सदिखन रही अपना हालपर,
यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।।
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होइछ सबसँ नीक हमरालेल जे किछु,
ईशके छन्हि पता सबटा बात से ।
तखन जँ क्यो मँगै छी हुनका सँ किछुओ,
करै छी व्यवधान हुनका काजमे ।।
करी सबटा काज जे प्रारब्ध अछि,
मानिक' आदेश चुप्पे-चाप हुनकर ।
मुदित सदिखन रही अपना हालपर,
यएह सबसँ पैघ पूजा हएत हुनकर ।।
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